ULFA Militant: प्रतिबंधित संगठन उल्फा (इंडिपेंडेंट) ने असम के तिनसुकिया जिले में सेना के एक गश्ती दल पर घात लगाकर हमला करने की जिम्मेदारी ली है. सुरक्षा बलों ने दावा किया कि इस दौरान कम से कम एक उग्रवादी घायल हो गया. उग्रवादी संगठन ने मीडिया को ईमेल पर जारी एक बयान में कहा कि घात लगाकर किए गए हमले को 'ऑपरेशन लखीपाथर' कूटनाम दिया गया था और उग्रवादियों द्वारा 28 नवंबर को मनाए जाने वाले 'विरोध दिवस' को चिह्नित करने के लिए यह हमला किया गया था.

क्षेत्र में दबदबा स्थापित करने के लिये सेना का दल सोमवार (14 नवंबर) को सुबह बरपाथर इलाके में पेंगेरी-डिगबोई मार्ग पर गश्त कर रहा था तभी यह हमला किया गया. उग्रवादियों ने सबसे आगे चल रहे दल के बारूदी सुरंग रोधी वाहन (MPV) को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट किया और 20-30 गोलियां चलाईं.


सेना ने की जवाबी गोलीबारी
सेना ने दावा किया कि गाड़ी के टायर पंचर होने के अलावा उसे और कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ा जबकि उसकी जवाबी गोलीबारी में उल्फा(आई) का कम से कम एक सदस्य घायल हुआ है. उसने कहा, जंगल में पाए गए खून के निशान के आधार पर यह साफ है. सेना के प्रवक्ता ने कहा कि घटना के तत्काल बाद इलाके में राज्य पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया. दूसरी तरफ उल्फा(आई) ने दावा किया कि हमले में एमपीवी को नुकसान पहुंचा और कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.


सितंबर महीने में सेना ने गिरफ्तार किया था
असम में भारतीय सेना (Indian Army) और पुलिस (Police) को सितंबर महीने में बड़ी कामयाबी हाथ लगी थी. ज्वाइंट ऑपरेशन (Joint Operation) के तहत उल्फा (Ulfa) के एक आतंकवादी (Terrorist) को गिरफ्तार किया गया. ज्वाइंट ऑपरेशन बीती रात चराईदेव जिले के सोनारी इलाके में चलाया गया था. स्पीयर्स कॉप्स के अंतर्गत आने वाली रेड शील्ड डिवीजन की जॉयपुर बटालियन के सैनिकों ने उल्फा-आई कैडर के एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया.


इस आतंकवादी के पास से एक 7.65 mm की पिस्टल, 3 जिंदा कारतूस और एक मैगजीन बरामद की गई. इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने असम में उल्फा से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में डिजिटल उपकरण और गोला बारूद समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे.


उल्फा एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन
उल्फा (ULFA) एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है. इसी की गतिविधियों को ध्यान में रखकर तलाशी अभियान (Search Operation) चलाया गया था. इसमें उल्फा में युवाओं की भर्ती, संगठन को मजबूत करने के लिए धन की जबरन उगाही और गैरकानूनी गतिविधियों (Illegal Activities) के लिए युवाओं को कट्टरपंथ बनाने के साथ साथ म्यांमार (Myanmar) में भारत-म्यांमार की सीमा पर स्थित शिविरों में उनका प्रशिक्षण शामिल हैं.


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