नई दिल्ली: केरल में बाढ़ की विभीषिका से हुई 400 से ज़्यादा लोगों की मौत के बाद अब उत्तर भारत के चार बड़े राज्य उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. हालात ऐसे हैं कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा कर रहें हैं. इस रिकॉर्डतोड़ बारिश में उत्तर भारत लगभग डूबता नज़र आ रहा है.


बिजनौर में तलाश अभियान जारी
इसी बारिश के बीच एक दर्दनाक हादसे में यूपी के बिजनौर की गंगा नदी में 27 लोगों से भरी नाव पलट गई. कई घंटों की मशक्कत के बाद 18 लोगों को बचा लिया गया जबकि बाकी के 8 लोग लापता हो गए. इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई है. लापता लोगों को तलाशने के लिए हेलीकॉप्टर के ज़रिए सुबह आठ बजे से तीन जगहों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.


पानी में बहा इंडियन ऑयल का टैंकर
पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश और बरसाती मौसम के कारण मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है और नदियां उफान पर हैं. हरिद्वार में भी नदियों ने विकराल रुप धारण किया हुआ है. आज भी हरिद्वार में नदी के तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर के चलते एक इंडियन ऑयल का टैंकर पानी के तेज बहाव में बहता चला गया. मामला हरिद्वार के श्यामपुर थाना क्षेत्र में स्थित कोटा वाली का है जहां हरिद्वार बिजनौर को जोड़ने वाला पुल पिछले काफी समय से क्षतिग्रस्त है.


आपको बता दें कि कोटा वाली नदी पर बने पुल पर भारी वाहनों के आवाजाही पर प्रतिबंधित है जिसके चलते वाहन चालक नदी में बने रपटे का प्रयोग कर रहे हैं. हाल के समय में कोटा वाली पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. विकल्प के तौर पर खानापूर्ति कर दी गई और लोगों की जान जोखिम में डाल दी गई. ना ही प्रशासन और ना ही एनएचएआई के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं और ना ही अभी तक पुल की मरम्मत की गई है.


चमोली में रुक रुक कर बारिश का दौर जारी
उत्तराखंड के चमोली में रुक रुक कर बारिश का दौर जारी है जिसकी वजह से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. चमोली में भूस्खलन के कारण क्षेत्रपाल, बरही, गोविन्दघाट और लामबगड़ में मार्ग बन्द हो गए हैं. 400 से अधिक यात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच कल सुबह भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा बद्रीनाथ पहुंचनी है लेकिन बारिश इसी तरह अपना कोहराम मचाती रही तो कलश यात्रा को भी इन परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.


कोटा में चल रही नाव, डूबी पुलिस लाइन
बीते 48 घंटों से राजस्थान के कोटा में हो रही बारिश आफत का सबब बन गई है जिसकी वजह से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. आलम ये है कि गलियों में नाव चल रही है. पुलिस लाइन के घरों तक में पानी घुस गया है. घरेलू सामान भी पानी में डूबा गए हैं. बेडरूम किचन लिविंग रूम सब कुछ पानी में डूब गया है. पलंग, फ्रिज, कूलर जैसे सामान पानी में डूबे हुए हैं. किचन तक पानी में है और पानी का स्तर दो फुट से ज्यादा का है. ऐसे में महिलाओं को भी किचन में काम करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.


इलाके के लोगों का कहना है कि यहां हर साल ऐसा ही आलम होता है. पिछले 15 सालों से वो लगातार प्रशासन को इससे अवगत कराते आए हैं. लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया है. चाहे पुलिस प्रशासन की बात हो या नगर निगम की, ये लोग सभी को अवगत करा चुके हैं लेकिन इनकी समस्याओं का किसी के पास कोई हल नहीं है.


कोटा का ही अनंतपुरा इलाका इस वक्त पानी में लगभग डूबा हुआ है. लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. घरों के अंदर पानी जमा है और अब नगर निगम की रेस्क्यू टीम द्वारा इलाके में नाव चलाई जा रही है. नाव के सहारे लोग अपनी छोटी-बड़ी ज़रूरतों को पूरा कर रहे है. इन इलाकों में चार फ़ीट से ज्यादा तक पानी भरा हुआ है. पानी के इस भराव से आने वाले समय में फैलने वाली मौसमी बीमारियों का खतरा भी बरकरार है.


इतनी परशानी के बाद अब लोग इंद्र देवता से बारिश को रोकने की गुहार लगा रहे हैं. कोटा में चंबल नदी पर बने कोटा बैराज का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है. एमपी में हो रही बारिश का पानी आने से बैराज का स्तर बढ़ने से बैराज के पांच गेट खोले गए है. इन गेटों से लगातार पानी की निकासी की जा रही है. निचले इलाकों में रह रहे लोगों को भी चेतावनी देकर वहां से हटाया जा रहा है.


मध्य प्रदेश का भी है बुरा हाल
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ रामराजा की नगरी ओरछा में कल रात से हो रही लगातार बारिश के चलते जहां बेतवा और सातार नदी उफान पर है, वहीं ओरछा के वॉर्ड नंबर चार और आजादपुरा में लोगो के घरों मे पानी घुस गया है. यहां के जलजमाव का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां घरों में भरे पानी में बच्चे तैर रहे हैं. घरों में रखा सामान भी बारिश के पानी की वजह से ख़राब हो गया है.


राज्य के ओरछा झांसी मार्ग पर सातार नदी के पुल पर तीन से चार फ़ीट पानी होने के बाबजूद सैकडों की संख्या में कांवडिया पुलिस के सहयोग से जान जोखिम मे डालकर रस्से के सहारे नदी को पार कर रहे है. इसकी वजह से बड़ा हादसा होने की आशंका है.


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