BMC Elections 2022: जैसे-जैसे मुंबई निकाय चुनाव  (Civic Polls) नजदीक आ रहे हैं महाराष्ट्र की राजनीति में नए-नए वोट बैंक उभरने लगे हैं. कुछ ही दिन पहले जहां उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 'मराठी मुस्लिमों' (Marathi Muslim) को साधते हुए नजर आ रही थी अब एक और वोट बैंक निकल आया है. जिन उत्तर भारतीयों पर कभी शिवसेना के तेवर कड़े हुआ करते थे अब उन्हीं उत्तर भारतीयों (North Indians) को पार्टी रिझाने में जुट गई है. 


ऐसा लगता है कि अब उद्धव गुट को अब उत्तर भारतीयों के साथ की जरूरत पड़ने लगी है. अब पार्टी का कहना है कि शिवसेना ने उत्तर भारतीयों को झोली भर-भरकर दिया ही है. उत्तर भारतीयों ने भी पिछले पांच दशकों से शिवसेना के साथ ही रहना पसंद किया है. इसका सबसे बड़ा कारण है बाबा साहेब ठाकरे का हिंदुत्व. उद्धव ने यह भी माना है कि उत्तर भारतीय समाज और शिवसेना के बीच दरार पैदा हुई थी. 


मुंबई में 40 लाख से ज्यादा उत्तर भारतीय 


मुंबई में 40 लाख से भी ज्यादा उत्तर भारतीय रहते हैं. शिवसेना इस वक्त अपना बुरा दौर देख रही है. पार्टी में बगावत के सुरों के बाद विधायकों का साथ छूटने के बाद चुनाव चिन्ह भी जब्त हो गया. इसके बाद अब उन्होंने उत्तर भारतीयों का कार्ड खेला है. वहीं, अब बीजेपी ने इसपर जमकर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि शिवसेना सत्ता से बाहर होते हुए भी उत्तर भारतीयों को परेशान करती थी और उनसे वसूली करती थी. 


क्या बदलती उद्धव सेना को करेंगे स्वीकार ?


इसे उद्धव सेना के नए मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है. गणित और राज्य में बदली हुई राजनीतिक के मद्देनजर अब वोट बैंक भी बदलते नजर आ रहे हैं. प्रतिष्ठित बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के चुनाव में उद्धव सेना 25 सालों से नियंत्रित करती रही है. देखने वाली बात यह होगी की क्या इस बार जनता बदलती हुई इस उद्धव सेना को स्वीकार करेंगे. खासकर जब बीजेपी इस पर कब्जा जमाने की हर कोशिश कर रही है. 


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