नई दिल्लीः उत्तर दिल्ली नगर निगम ने दो महीने की पेंशन जारी की है. 20 फरवरी को एबीपी न्यूज ने पेंशनभोगियों को करीब 7 महीने से पेंशन ना मिलने के कारण होने वाली दिक्कतों को लेकर रिपोर्ट चलाई थी. उस दौरान उत्तर दिल्ली नगर निगम के मेयर ने एक महीने की पेंशन तुरंत जारी की थी. साथ ही आने वाले समय में दो महीने की पेंशन जारी करने का वादा और आश्वासन दिया था. वादे के मुताबिक मेयर ने उत्तर दिल्ली नगर निगम की दो महीने ( सितंबर और अक्टूबर ) की पेंशन जारी कर दी है, जिसकी जानकारी मेयर जय प्रकाश देते हुए बताते हैं " लगभग 24 हजार पेंशनभोगियों की दो महीने की पेंशन जारी की गई है जो कि 107 करोड़ रुपए बनता है. साथ ही सफाई कर्मचारियों के वेतन के लिए 75 करोड़ जारी किए हैं. उनका एक महीने का वेतन आज जारी किया गया है."
एबीपी न्यूज़ पर दिखाई गई खबर का असर 20 फरवरी से ही प्रारंभ हो गया था. सुबह दिखाई गई रिपोर्ट का असर केवल 9 घंटों के भीतर हुआ था. उत्तर नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने चैनल के माध्यम से पेंशनभोगियों तक ये संदेश पहले भी पहुंचाया था "आज दोपहर मैंने एबीपी न्यूज पर खबर देखी जिसमे हमारे रिटायर्ड कर्मचारियों का दर्द देख कर मुझसे सहा नही गया. एबीपी न्यूज की टीम हमसे आकर मिली थी जिनसे मैं कहा था कि सोमवार तक एक माह की पेंशन जारी कर देंगे. लेकिन हमने आज ही पेंशन जारी करने का निर्णय लिया है और जारी कर दी है. "
पेंशन ना मिलने के कारण बुजुर्गों को हो रही परेशानी
72 वर्षीय कृष्णा शर्मा के पति की मृत्यु साल 2013 में हो गई जिसके बाद कृष्णा शर्मा फैमिली पेंशन से इज्ज़त और सम्मान की जिंदगी जी रही थीं लेकिन बीते करीब 7 महीने से घर पर एक पैसा भी पेंशन के रूप में नही आया. बेटा और एक बेटी भी एमसीडी के सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन उन्हे भी बीते 4 महीने से वेतन मिलने के कारण घर केवल क्रेडिट कार्ड और उधार से चलाने पर मजबूर थे.
कई परिवार पेंशन के सहारे
कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है और खाने या पालने के लिए 6 लोग हैं. इन लोगों का सहारा सिर्फ एक पेंशन होती है. दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले 70 वर्षीय गोपाल कृष्ण बंसल की पत्नी को तीन बड़ी बीमारियां हैं और महीने का दवाई का खर्च 5 हजार पहुंच जाता है. गोपाल कहते हैं " हम इधर उधर से पैसे लेकर अपना पेट भर रहे हैं. मेरे बेटे की नौकरी कोरोना वायरस की वजह से चली गई. 6 लोग हैं मेरे घर में. घर का थोड़ा थोड़ा समान लेकर आते हैं."
पेंशन के अभाव में कई मौतों का दावा
रिटायर्ड एम्प्लॉय एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मनमोहन भारद्वाज के अनुसार 25 से 30 पेंशनधारक पेंशन के अभाव में अपनी जान गवां चुके है. करीब 7 महीने बाद जारी की गई पेंशन को अगर वक्त से जारी कर दिया जाता तो देखभाल या इलाज के अभाव में मरने वाले बुजुर्गों की संख्या घट सकती थी. लेकिन सरकारी महकमों के आपसी टकराव और नजरअंदाजी का खामियाज़ा उन रिटायर्ड कर्मचारियों को उठाना पड़ा जिन्होंने अपनी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा इन्ही महकमो में काम करके निकाल दिया.
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