नई दिल्ली: रेलवे ने आइसोलेशन कोचों के लिए एक सर्किट सिस्टम विकसित किया है, जिसे शकूरबस्ती के आइसोलेशन कोविड कोच में लगाया जा रहा है. डिब्बों के दूसरे कोने पर लाइट और साउंड कनेक्शन वाला एक डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है, जिससे डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों को रोगी द्वारा बुलाए जाने का पता चलेगा. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि इन डिब्बों के निरीक्षण के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने प्रत्येक डिब्बों में अलार्म प्रणाली लगाने का सुझाव दिया था.


बटन दबाते ही डिब्बे के बाहर लगी हुई लाल लाईट तेज आवाज के साथ जल उठेगी


आपातकालीन स्थिति में जैसे ही रोगी इस अलार्म प्रणाली का इस्तेमाल करेगा, डिब्बे के बाहर लगी हुई लाल लाईट तेज आवाज के साथ जल उठेगी. साथ ही साथ इसकी सूचना डॉक्टरों के कोच में लगे डिस्प्ले बोर्ड पर कोच नम्बर और साउंड के साथ पहुंच जाएगी. इस प्रकार चिकित्सा कर्मी आपातकालीन स्थिति में रोगी को तुरंत अटैंड कर सकेंगे.


कोरोनावायरस महामारी के दौरान रेलवे ने रेल डिब्बों को आइसोलेशन केन्द्रों में बदला है. इसी कड़ी में दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर डिब्बों में बुधवार से रोगी आने शुरू हो गए हैं. बुधवार को दो कोरोना रोगियों का यहां ट्रांसफर किया गया. उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर खड़ा किए गए इन डिब्बों में आज से रोगी आने शुरू हो गए हैं.


 रेलवे ने 17 जून से दिल्ली क्षेत्र के 9 रेलवे स्टेशनों पर 503 आइसोलेशन कोच लगाए
अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने वाले ये डिब्बे स्वास्थ्य सेवा की कमियों वाले क्षेत्रों में अल्प सूचना पर रेल नेटवर्क द्वारा देश के किसी भी हिस्से में ले जाए जा सकते हैं. दिल्ली सरकार की मांग पर उत्तर रेलवे ने 17 जून से दिल्ली क्षेत्र के 9 रेलवे स्टेशनों पर 503 आइसोलेशन कोच खड़े किए हैं. कम लक्षणों वाले मरीजों को अलग रखने के लिए इन डिब्बों का उपयोग किया जाएगा.



रेलवे इन डिब्बों को मरीजों की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए तैयार किया है


आपको बताते हैं कि आखिर किस तरह रेलवे इन ट्रेन के डिब्बों को लोगों के रहने लायक बना रहा है. सबसे पहले सभी डिब्बों को डिसइनफेक्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. ना सिर्फ ट्रेन को बाहर से बल्कि डिब्बों को अंदर से भी सैनिटाइज किया जा रहा है.


हर कोच में मौजूद 4 शौचालयों में से 2 को बाथरूम में तब्दील कर दिया गया


इसके बाद लोगों के नहाने की समस्या को ध्यान में रखते हुए हर कोच में मौजूद 4 शौचालयों में से 2 को बाथरूम में तब्दील कर दिया गया है. यहां पर ना सिर्फ साफ-सुथरी फर्श लगा दी गई है बल्कि नहाने के लिए सभी जरूरी सामानों की भी व्यवस्था कर दी गई है.


हर 2 बेड के बाद प्लास्टिक के पर्दे लगाकर अलग-अलग सेक्शन बनाए गए


इसके बाद जिस चीज का खास खयाल रखा गया है, वो ये है कि लोग एक दूसरे के संपर्क में ना आएं. इसके लिए हर 2 बेड के बाद प्लास्टिक के पर्दे लगाकर अलग-अलग सेक्शन बना दिए गए हैं. एक सेक्शन में सिर्फ दो ही बेड रहेंगे. इस हिसाब से पूरे डिब्बे में सिर्फ 16 मरीज रखे जाएंगे. डिब्बों के साइड बर्थ मेडिकल इक्विपमेंट रखने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे. यहां पर ऑक्सीजन से लेकर के बाकी जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट रखी जाएंगी.


खाने से लेकर के बिस्तर तक मुहैया कराएगा रेलवे


पूरी ट्रेन की सभी खिड़कियों को नेट से ढक दिया गया है. ताकि मच्छरों की समस्या मरीजों को ना आए. खाने से लेकर के बिस्तर तक रेलवे मुहैया कराएगा. मेडिकल स्टाफ दिल्ली सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा. दिल्ली में लगातार मामले बढ़ने के बाद स्थिति ऐसी हो गई है कि अब कोरोना के मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर रेलवे ने दिल्ली के लिए यह मदद जारी की है. रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार और भी इंतजाम किए गए हैं.


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