देश के सभी मिलिट्री हॉस्पिटल्स को सिविलियंस के लिए नहीं खोला गया, वायरल मैसेज पर आई सेना की सफाई
देश में कोरोना के खिलाफ जंग में सेना भी युद्धस्तर पर जुटी हुई है लेकिन सोशल मीडिया पर भ्रामक मैसेज और पोस्ट को लेकर सेना ने सफाई पेश की है. सेना के मुताबिक, देश के सभी मिलिट्री हॉस्पिटल्स को कोविड से ग्रस्त सिविलियन (असैनिक) मरीजों के लिए नहीं खोला गया है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना के खिलाफ जंग में सेना भी युद्धस्तर पर जुटी हुई है लेकिन सोशल मीडिया पर भ्रामक मैसेज और पोस्ट को लेकर सेना ने सफाई पेश की है. सेना के मुताबिक देश के सभी मिलिट्री हॉस्पिटल्स को कोविड से ग्रस्त सिविलियन (असैनिक) मरीजों के लिए नहीं खोला गया है. कुल 45 ऐसे मिलिट्री हॉस्पिटल्स हैं जिन्हें सैनिकों के साथ-साथ आम लोगों के लिए खोला गया है. इन अस्पतालों में भी वॉक-इन दाखिला नहीं मिल सकता है. इन सभी मिलिट्री-हॉस्पिटल्स को भी जिला प्रशासन की संस्तुति पर ही दाखिला मिल सकता है.
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट साझा की जा रही थी, जिसमें कहा जा रहा था कि देश में कोविड-आईसीयू बेड्स की कमी को देखते हुए सभी 144 मिलिट्री-हॉस्पिटल्स को सिविलियंस के लिए खोल दिया गया है. 112 थलसेना के, 12 एयरफोर्स और 10 नौसेना के हॉस्पिटल्स. वायरल मैसेज में ये भी लिखा गया है कि सभी नागरिक जरूरत पड़ने पर निकट के सैन्य-अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं. मैसेज में सेना के सभी कमान और बेस हॉस्पिटल्स के नाम, जगह और उनके विशेष कोड तक दिए गए हैं.
स्पष्टीकरण जारी
इस वायरल मैसेज के जवाब में थलसेना ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट पर स्पष्टीकरण जारी किया है. थलेसना के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) के कुल 45 हॉस्पिट्ल्स को ‘डेडिकेडेट एंड मिक्सड कोविड हॉस्पिटल’ चिन्हित किया है. इन 45 हॉस्पिट्ल्स में सैनिकों, पूर्व-सैनिकों और उनके परिवारवालों सहित सिविलियंस भी इलाज करा सकते हैं. लेकिन सिविलियन मरीजों को स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन की इजाजत और बेड की उपलब्धता के बाद ही दाखिला मिल सकता है.
आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने सेना (थलेसना, वायुसेना और नौसेना) को कोविड के खिलाफ जंग में राज्य सरकारों को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है. इसके लिए सभी सैन्य कमांडर्स को राज्य के मुख्यमंत्री और प्रशासन से संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. लेकिन आपको यहां पर ये भी बता दें कि इस समय देश में कुल 14 लाख सैनिक और करीब 25 लाख पूर्व-सैनिक हैं. इसके अलावा उनके परिवार वाले भी सेना पर ही स्वास्थय-सेवाओं पर आश्रित हैं. ऐसे में सेना के अस्पताल भी कोविड से ग्रस्त मरीजों से भरे हुए हैं. यहां तक की मरीजों को वेटिंग करना पड़ा रहा है. सेना के मुख्य अस्पतालों में लंबी वेटिंग चल रही है.
इस बीच सेना ने कोविड काल में सैनिकों को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इन गाइडलाइंस में सेना-मुख्यालय, कमान और कोर हेडक्वार्टर्स में कम से कम स्टाफ, सभी सम्मेलन और मीटिंग्स को रद्द करना शामिल है. इसके अलावा सेना में नई पोस्टिंग्स और किसी कोर्स के लिए किसी भी तरह के मूवमेंट पर रोक लगा दी है.
सेना के मुताबिक वे सभी सैनिक और फॉर्मेशन्स, जो ऑपरेशन्स या फिर कोविड के लिए मेडिकल या फिर किसी राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, वे सभी अपनी सेवाओं में जुटी रहेंगी, लेकिन कड़े कोविड प्रोटोकॉल्स के साथ.
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