नई दिल्ली: घर से बाहर निकलने के दौरान अगर आपके स्मार्टफोन में आरोग्य सेतु एप नहीं हुआ तो नोएडा में इसे लॉकडाउन का उल्लंघन माना जाएगा. एप नहीं होने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज हो सकता है. इसके अलावा छह महीने की जेल या 1000 रुपये तक का फाइन देना पड़ सकता है. बता दें कि नोएडा में प्रशासन ने धारा 144 को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया हुआ है. नोएडा रेड जोन में आता है.


कैसे काम करता है ये एप?


एप मूल रूप से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के ज़रिए काम करता है. यूजर के ब्लूटूथ से ये पता चलता है कि वो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया है या नहीं...और अगर आया भी है तो कितनी दूरी से आया है. अगर ऐसा होता है तो एप में स्टेटस का रंग हरा (सुरक्षित) से नारंगी या फिर लाल हो जाएगा. स्टेटस बदलने पर यूजर को एक नोटिफिकेशन भी भेजा जाता है. इस एप को अब तक सात करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है.


बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय कर्मचारियों को लिए इस एप को डाउनलोड करना किया गया. इसके मुताबिक ही दफ्तर आने को कहा गया. इसके बाद सभी सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए ये एप डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया गया.


इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में इस एप को डाउनलोड करना अनिवार्य बना दिया गया है. गुरुग्राम प्रशासन के मुताबिक अगर कोई गरुग्राम आना चाहता है तो सीमा क्रॉस करते वक्त उसके पास आरोग्य सेतु एप होना जरूरी है. वहीं जम्मू में भी पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के फोन में ये एप डाउनलोड करवा रही है.


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