Amit Shah ANI Interview: देश में बीते कुछ वर्षों से नाम बदलने की कई घटनाएं देखी गईं. बीजेपी पर आरोप है कि वह शहरों का नाम बदलकर मुगल इतिहास मिटा रही है. ANI न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस तरह के सभी आरोपों से इनकार किया. शहरों के नाम बदलने के सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने साफ कहा, "केंद्र सरकार मुगल विरासत को हटाने की कोशिश नहीं कर रही है."


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "किसी का योगदान नहीं हटाया जाना चाहिए, न ही हम उन्हें हटाना चाहते हैं लेकिन अगर कोई इस देश की परंपरा को स्थापित करना चाहता है तो किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए." अमित शाह ने कहा, "हमने शहरों की पुरानी पहचान वापस दिलाई है." उन्होंने आगे कहा, "हमने एक भी शहर का नाम नहीं बदला है. यदि किसी शहर का पुराना कोई नाम नहीं था, तो हमने भी उसका नाम नहीं बदला."


कई शहरों का नाम बदल चुका है


शाह ने कहा, "बीजेपी सरकारों ने सोच-समझकर फैसले लिए हैं और हर सरकार के अपने वैधानिक अधिकार हैं." उन्होंने कहा, "बीजेपी का इरादा किसी के ऐतिहासिक महत्व को मिटाने का नहीं था." बता दें कि बीजेपी सरकार में कई शहरों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदले जा चुके हैं. इनमें से कई तो उत्तर प्रदेश में हैं. यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद फैजाबाद को अयोध्या बना दिया गया, इलाहाबाद अब प्रयागराज बन चुका है. हाल ही में राष्ट्रपति भवन में स्थापित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया है.


लखनऊ का नाम बदलने की चर्चा


अब बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लखनऊ का नाम बदलकर 'लखनपुर या लक्ष्मणपुर' करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा था, "पहले लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुरी या लखनपुरी किया जाना चाहिए, मुगलों ने आक्रमण करके यहां राज किया और सालों तक हमारे सनातन धर्म को नष्ट करने का काम किया." उन्होंने कहा था, "हमने अब अमृत काल में प्रवेश कर लिया है, लेकिन फिर भी हम गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं." डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी इसका समर्थन किया है.


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