नई दिल्ली: आज रिजर्व बैंक में पांच सौ और हज़ार रूपए के पुराने नोटों को बदलने का आखिरी दिन है, लेकिन ये सिर्फ उनके लिए हैं जो एनआरआई हैं, या फिर नोटबंदी के वक्त विदेश में थे. रिजर्व बैंक के सेंटर्स में अब नोट बदलने के लिए अफरा-तफरी मची हुई है.
नोट बदलने के लिए आरबीआई दफ्तर के बाहर लगी भीड़
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में रिजर्व बैंक के बाहर कल भारी भीड़ उमड़ी. ये भीड़ पुराने पांच सौ और एक हजार के नोट बदलवाने की थी, क्योंकि पिछले साल आठ नवंबर को मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया था.
हरियाणा के कृष्ण जेल जाने की वजह से पैसे नहीं बदल पाए थे
कृष्ण कुमार नाम के एक शख्स हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे. भ्रष्टाचार के आरोप में ये पिछले साल 4 नंबर से लेकर इस साल 22 फरवरी तक हिसार जेल में थे. अब हाथ में हिसार जेल के जेल सुपरिटेंडेंट की चिट्ठी लेकर इस उम्मीद में दिल्ली में रिज़र्व बैंक आए हैं कि शायद उनके नोट बदल जाएं.
पिता की मौत का सर्टिफिकेट दिखाने के बावजूद भी नहीं बदले राजकुमार के नोट
वहीं, मध्यप्रदेश में ग्वालियर के रहने वाले राम कुमार नाम के शख्स भी परेशान दिखे. पिता का 26 फरवरी को निधन हुआ, पिता के सामान से उन्हें 44 हज़ार के पुराने नोट मिले. किसी ने कहा अब तो दिल्ली में ही नोट बदल पाएंगे तो दिल्ली चले आए. अब 44 हजार के पुराने नोट बदलने के लिए हाथों में पिता का डेथ सर्टिफिकेट लिए घूम रहे हैं.
आरबीआई के नोट ना बदलने से नाराज लोगों ने नोट फाड़े
लोग परेशान हैं, नाराज़ हैं, नोट फाड़ रहे हैं, लेकिन रिजर्व बैंक में इनके नोट जमा नहीं किए जा सकते, क्योंकि 31 मार्च यानि आज तक रिजर्व बैंक में पुराने नोट सिर्फ एऩआरआई और नोटबंदी के दौरान विदेश में रह रहे भारतीय ही जमा कर सकते हैं. पर ऐसा नहीं हो रहा है.
कोलकाता में रिजर्व बैंक के बाहर कई ऐसे लोग मिले जो नोटबंदी के दौरान विदेश में थे पर अब उनके पैसे जमा नहीं हो रहे. इन्हीं में से एक हैं झारखंड के हज़ारीबाग के रहने वाले दर्शन प्रसाद, जापान में टोक्यो के एक होटल में काम करते हैं, इनके पास 50 हज़ार के पुराने नोट हैं.
कई NRI लोगों को भी जरुरी कागज की जानकारी नहीं
बसंत प्रसाद बिहार के पटना से आए हैं, दुबई में कारपेंटर का काम करते हैं. इनके पास 45 हजार के पुराने नोट हैं. जमा कराने के लिए क्लीयरेंस फॉर्म मांगा जा रहा है. मुंबई में भी रिज़र्व बैंक के आगे भारी भीड़ थी. यहां भी स्थानीय लोगो के अलावा दूसरे देशों में रह रहे लोग भी मौजूद थे, लेकिन यहां भी ज्यादातर लोगों को मायूसी ही हाथ लगी.
8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों के इस्तेमाल पर लगी थी रोक
गौरतलब है कि आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ और एक हजार के नोटों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. बिना आयकर जमा किए 2.5 लाख से ज़्यादा की रक़म पर भी सरकार ने कार्रवाई के आदेश दिए थे. यूपी चुनाव में विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी पर पीएम मोदी को घेरने की कोशिश की जो नाकाम रही. पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए नोटबंदी को जरुरी बताया था.