(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gyanvapi Case: हिंदू पक्ष की याचिका पर ASI को हाईकोर्ट से नोटिस, शिवलिंग की वैज्ञानिक तरीके से जांच की मांग
Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से सर्वेक्षण कराए जाने से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.
Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Masjid) में मिले शिवलिंग जैसे स्ट्रक्चर की जांच के लिए हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर की है. याचिका में शिवलिंग की वैज्ञानिक विधि से जांच की मांग की गई है. इस पर हाईकोर्ट ने एएसआई (ASI) को नोटिस (Notice) जारी किया है. हाईकोर्ट (High Court) ने ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 नवंबर तय की है.
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से सर्वेक्षण कराए जाने से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इससे पहले एएसआई के डायरेक्टर जनरल का हलफनामा दाखिल नहीं होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी. साथ ही केंद्र सरकार के कल्चरल डिपार्टमेंट पर दस हजार रुपये का हर्ज़ाना लगाया था.
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराएं जाने की याचिका खारिज
इससे पहले इसी साल अक्टूबर में ज्ञानवापी मस्जिद से मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के अनुरोध वाली याचिका को वाराणसी की जिला अदालत ने खारिज कर दिया था. गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के बराबर में स्थित है और वाराणसी की अदालत में चल रहे इस मुकदमे से उन दावों को फिर से बल मिलने लगा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के कहने पर मंदिर के एक हिस्से को गिरा कर उसकी जगह मस्जिद बनायी गयी थी.
क्या है ज्ञानवापी का पूरा मामला जानिए
बता दें कि मई 2022 में कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi) का सर्वे हुआ था. इस सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के वजूखाने से शिवलिंग रूप की आकृति मिली थी. हिन्दुओं की मांग थी कि इस शिवलिंग पर उन्हें पूजा का अधिकार मिले और गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित किया जाए. इसके अलावा, परिसर का पूरा अधिकार हिन्दुओं को ही सौंपा जाए.
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