नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आज तब्लीगी जमात के कुछ अन्य लोगों को भी नोटिस जारी कर उन्हें जांच में सहयोग करने को कहा है. जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें से एक मुफ्ती शहजाद हैं, जो मरकज से ताल्लुक रखते हैं. पुलिस का कहना है कि वह फिलहाल बदरपुर सरकारी स्कूल में बने आइसोलेशन कैम्प में हैं, जहां उन्हें क्वॉरंटाइन किया गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें निजामुद्दीन तब्लीगी जमात मरकज के प्रमुख मौलाना साद के अलावा डॉ जिशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद, मोहम्मद सैफी, यूनुस मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अशरफ समेत सात के नामों का उल्लेख है.


दिनभर चला सैनिटाइजेशन का काम


दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने मिलकर बुधवार तड़के मरकज को खाली कराने के बाद उसकी तालाबंदी कर दी है. इससे पहले मरकज को पूरी तरह से सैनिटाइज कराया गया. इतना ही नहीं मरकज वाली गली के अलावा हजरत निजामुद्दीन थाना और मेन रोड को भी केमिकल के छिड़काव से सैनिटाइज कराया गया.


साजिश के तहत तो नहीं किया था कोरोना पीड़ितों को एकत्र


क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि अभी इस बात की जांच की जा रही है की इन लोगों ने मरकज के अंदर रहते हुए किस किस तरीके से सरकारी आदेशों का उल्लंघन किया है. किन-किन तरीकों से कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी को बढ़ाया है. इतना ही नहीं पुलिस का यह भी कहना है कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं यह सारा काम सोची समझी साजिश के तहत तो अंजाम नहीं दिया गया है. कहीं इन लोगों ने जमात के नाम पर एकत्र होकर पूरे भारत देश में यह प्राणघातक बीमारी फैलाने का षड्यंत्र तो नहीं रचा है?


विवादों में पहले भी घिर चुका है मरकज


पुलिस सूत्रों के अनुसार तब्लीगी जमात मरकज निजामुद्दीन विवादों में घिरा रहा है. स्पेशल सेल सूत्रों के अनुसार है कि धर्म प्रचार के नाम पर बना यह मरकज इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का काम करती है. स्पेशल सेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि धर्म प्रचार के नाम पर बनी इस जमात में जो स्पीच होती है उसमें इस्लाम के कट्टरपंथ पर जोर होता है. युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा के लिए प्रेरित किया जाता है. कुछ कट्टरपंथी सदस्य उन युवाओं पर नजर रखते हैं, जो रेडिकलाइज होकर मकसद के लिए काम आ सकते हैं.


वकील का कहना पुलिस और प्रशासन को समय समय पर दी गयी जानकारी


मरकज के वकील तौसीफ खान का कहना है कि पुलिस ने गलत आधार पर मरकज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मरकज की तरफ से समय समय पर पुलिस और प्रशासन को जानकारी दी जा रही थी. इसके अलावा जो विदेशी नागरिक रुके थे, उन्हें बाहर भिजवाने के लिए भी प्रशासन से कहा गया था, पुलिस से भी इस बात की जानकारी साझा की गई थी लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना. हम अदालत के सामने अब बात सबूत के साथ रखेंगे लेकिन अभी तक हमें एफआईआर की कॉपी भी नहीं मिली है.


साद का नहीं मिला कोई सुराग


निजामुद्दीन मरकज तब्लीगी जमात के खिलाफ दर्ज हुए आपराधिक मामले की जांच कर रही अपराध शाखा को अभी तक मोहम्मद साद का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. पुलिस की टीमें उन्हें तलाशने के लिए दिल्ली में यूपी में अलग-अलग जगह छापेमारी कर रही है. ऐसा भी संदेह जताया जा रहा है कि मौलाना ने खुद को क्वॉरंटाइन कर रखा हो. हालांकि इस बारे में पुलिस के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.


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