पुणे: कोरोना वायरस का कहर अभी थमा नहीं है. वहीं देश में कोरोना वायरस के संकट को रोकने के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है. सरकार ने देश में दो वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन के नाम को लेकर विवाद सामने आया है. इसको लेकर पुणे की एक दिवानी अदालत ने एक दवा कंपनी और विक्रेता की अर्जी पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को नोटिस जारी किया.


कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी दी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की गई इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 'कोविशील्ड' नाम दिया है. वहीं वैक्सीन के नाम को लेकर सीरम को नोटिस मिला है. इस नोटिस में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को उसके आगामी कोविड-19 टीकाकरण में ‘कोविशील्ड’ ट्रेडमार्क या अन्य मिलते-जुलते नामों का इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया गया है.


नांदेड़ की कंपनी क्यूटिस बायोटेक ने अर्जी दायर की है. इसमें दावा किया गया है कि वह एंटीसेप्टिक, सैनिटाइजर आदि अपने उत्पादों के लिए 2020 से ही ‘कोविशील्ड’ ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर रही है. मामले में कंपनी ने 29 अप्रैल 2020 में कोविशील्ड ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया था, जो लंबित है और कंपनी 30 मई 2020 से अपने उत्पादों के लिए इस ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करती आ रही है.


साइड इफेक्ट नहीं


वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. अदार पूनावाला ने कहा, 'वैक्सीन लेने के बाद थोड़ा सिरदर्द या बुखार हो सकता है लेकिन कोई घबराने की बात नहीं है. थोड़ा सिर दर्द, थोड़ा बुखार, एक दो दिन के लिए होता है, वह भी दवाई लेकर ठीक हो जाता है. यह हमारी रिकमंडेशन है. ये ट्रायल में साबित हो चुका है. वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है.'


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