Novavax ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ COVID-19 वैक्सीन विनिर्माण समझौते की घोषणा की है. Novavax की तरफ से जारी प्रेस रिलिज में कहा गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 2021 में एनवीएक्स-सीओवी 2373 की 1 बिलियन खुराक का निर्माण करेगा.


अगस्त में, Novavax ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार किया था. Novavax ने एक बिलियन खुराकों का उत्पादन करने के लिए टीकों के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक सीरम संस्थान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अब विस्तारित समझौते के मद्देनज़र सीरम संस्थान वैक्सीन के एंटीजन घटक का भी निर्माण करेगा.


बता दें कि अमेरिकी कंपनी में, Novavax के टीके का परिक्षण मध्य चरण में है. प्रारंभिक चरण के परीक्षण के बाद पता चला कि इसने कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडी के उच्च स्तर का उत्पादन किया.


कोरोना वैक्सीन के लिए 2024 तक करना होगा इंतजार? सीरम इंस्टीट्यूट ने बताई वजह


दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अब लोगों को Covid-19 वैक्सीन के बाजार में आने का इंतजार है. कुछ कंपनियों का दावा था कि इस साल से बाजार में आम लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी तो कुछ ने अगले साल के शुरूआती महीनों में वैक्सीन आने की बात कही है. लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने इस मामले में जो खुलासा किया है उससे आपका इंतजार और लंबा हो सकता है. वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के चीफ एग्जीक्यूटिव का कहना है कि Covid-19 वैक्सीन दुनिया में सबको साल 2024 के अंत तक ही मिल पाएगी.


एम मीडिया संस्थान के साथ बात चीत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि फार्मा कंपनियां आसानी से अपना प्रोडक्शन नहीं बढ़ा सकतीं, ताकि दुनिया भर के लोगों को यह वैक्सीन जल्दी मिल पाए. उन्होंने कहा कि इस धरती पर सभी को कोविड 19 की वेक्सीन मिलने में अभी 4 साल का वक्त लग सकता है. पूनावाला ने पहले भी यह कहा था कि मीजल्स या रोटा वायरस की तरह कोरोनावायरस में भी दो डोज की जरूरत होगी. ऐसे में पूरी दुनिया के लिए 1500 करोड़ डोज का इंतजाम करना होगा.