नई दिल्ली: चीन की सरकारी कंपनी चाइना मोबाइल के पाकिस्तानी विंग यानि CMPak को PoK और Gilgit Baltistan इलाके के लिए 1800 MHz श्रेणी वाले कुल 11.2 MHz 4G स्पेक्ट्रम बैंड का अधिकार देने का फैसला किया है. इसका ऐलान 28 सितंबर को किया गया है. Zong 4G के नाम से सेवाएं देने वाली.चीनी कम्पनी को यह ठेका भारतीय मुद्रा में करीब 114.18 करोड़ रुपये में दिया गया.
इस 4G टेलीकॉम नेटवर्क ठेके के सहारे चीन को भारत के लिए बड़ी चिंता का सबब बनी CPEC परियोजना में अपनी पकड़ और मजबूत करने का मौका मिलेगा. चीन इन दिनों बेल्ट एंड रॉड इनिशिएटिव के तहत डिजिटल सिल्क रुट परियोजना पर खास ध्यान दे रहा है. इसमें बीआरआई से जुड़े देशों में चीनी नेटवर्क कनेक्टिविटी और डिजिटल सुविधाओं का ताना-बाना बढ़ाया जा रहा है.
इससे पहले तक POK और Gilgit Baltistan इलाके में टेलीकॉम नेटवर्क का कारोबार पाक सेना की देखरेख में काम करने वाली कंपनी स्पेशल कम्यूनिकेशन ऑर्गेनाइजेशन के जिम्मे था. बताया जाता है कि भारी-भरकम निवेश और मदद के बावजूद SCO के टेलिकॉम कारोबार में करोड़ों रुपये का सालाना घाटा हो रहा था.
रोचक बात है कि पाकिस्तान की पहली मोबाइल नेटवर्क कम्पनी Paktel को ख़रीदकर 2007 से दाखिल हुई चाइना मोबाइल लंबे समय तक घाटा उठाकर भी काम करती रही. CMPak के CEO वांग हुआ ने चीनी मीडिया को दिए साक्षात्कारों में भी यह बात करते रहे हैं कि ZONG ने 2007 से 2017 तक बिना किसी लाभ कमाए पाकिस्तान में काम किया. लेकिन 2018 में इमरान खान सरकार के आने के बाद चीनी कंपनी और उसके कारोबार का भी भाग्योदय हो गया.
ज़ाहिर है घाटा उठाकर भी पाकिस्तान में टिके रहने के CMPak के कारोबारी फैसले के पीछे चीन सरकार की भी मदद थी. इलाकों में चल रही इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए अपनी कम्पनियों को भरपूर आर्थिक मदद मुहैया कराता है.
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