नई दिल्ली: बीजेपी विधायक संगीत सोम के बयान के बाद से शुरू हुए विवाद में सपा नेता आजम खान भी कूद गए हैं. ताजमहल के बहाने आजम खान ने बीजेपी पर निशाना साधा है. आजम खान ने कहा कि गुलामी की निशानियों को ना मिटाना राजनीतिक नपुंसकता है.
आजम खान ने संगीत सोम का नाम लिए बिना कहा, ''मैं किसी को जवाब नहीं दे रहा हूं क्योंकि गोश्त के कारखाने चलाने वालों को राय देने का अधिकार नहीं है. इस पर मोदी और योगी जी फैसला करेंगे लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि उन सभी इमारतों को गिरा देना चाहिए जिनसे कल के शासकों की बू आती है.''
आजम खान ने कहा, ''मैंने तो पहले भी कहा कि सिर्फ ताजमहल ही क्यों पार्लियामेंट, राष्ट्रपति भवन, कुतुब मीनार सब को गिरा देना चहिए. हम तो बादशाह से अपील करते हैं. छोटे बादशाह से तो हमने कहा कि आप आगे चलो हम साथ चलेंगे. पहला फावड़ा आपका होगा दूसरा हमारा होगा. कहने के बाद कदम पीछे हटा लेना राजनीतिक नपुंसकता है.''
क्या कहा था संगीत सोम ने ?
संगीत सोम ने ताजमहल को “भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा” बताया है. उन्होंने कहा, ”हम किस इतिहास के बारे में बात कर रहे हैं? ताजमहल के निर्माता (शाहजहां) ने अपने पिता को कैद कर दिया था. वह हिंदुओं को समाप्त करना चाहता था. यदि ये लोग हमारे इतिहास का हिस्सा हैं, तो यह हमारे लिए बहुत दुख की बात है और हम इस इतिहास को बदल देंगे.” याद रहे कि शाहजहां ने नहीं, औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को कैद किया था.
ओवैसी ने किया पलटवार- क्या लाल किले पर तिरंगा नहीं फहराएंगे पीएम
संगीत सोम के बयान का AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया है. ओवैसी ने कहा है कि लाल किला को भी गद्दार ने ही बनाया है तो क्या पीएम मोदी लाल किला पर तिरंगा नहीं फहराएंगे?
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ”दिल्ली में हैदराबाद हाउस को भी ‘गद्दार’ ने ही बनाया था. क्या मोदी विदेशी मेहमानों को यहां आने से रोकेंगे. ‘गद्दारों ने ही लाल किला को भी बनाया था क्या मोदी वहां तिरंगा फहराना बंद कर देंगे क्या मोदी और योगी देसी और विदेशी सैलानियों को ताजमहल नहीं जाने के लिए कहेंगे.”
बीजेपी ने निजी राय बता कर किया बचाव
बीजेपी नेता जीवीएल नरसिंह राव ने सोमवार को यह कहते हुए संगीत सोम का बचाव किया कि नेता को अपनी राय देने का हक है. राव ने आगे कहा “भारतीय इतिहास को विकृत करने का प्रयास किया गया है यह स्मारक बर्बरता का प्रतीक है, जहां तक संगीत सोम का संबंध है, उनके पास बोलने की स्वतंत्रता है यह उनका व्यक्तिगत दृष्टिकोण है और प्रत्येक वक्तव्य पर पार्टी लाइन की आवश्यकता नहीं है.”