Bhumi Pujan: भारतीय दूतावासों में भी दिखेगी श्री राम की झलक, इस खास तैयारी में जुटी सरकार
दुनियाभर के कई देशों में भगवान राम से जुड़े अंश मिलते रहे हैं. कई देशों में रामकथा और रामलीला का मंचन वहां की संस्कृति का हिस्सा है. मसलन, थाईलैंड में रामायण का स्थानीय संस्करण है, जो वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ है.
अयोध्याः राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के साथ ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इसके बाद अब कई देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों में भी इसको ले जाने के प्रयास हो रहे हैं. जिन देशों में भी श्री राम या रामायण से जुड़े कुछ भी अंश मिलते हैं उन देशों के भारतीय दूतावासों में भी श्री राम और उनके प्रतीकों को रखे जाने के प्रयास हो रहे हैं.
श्री राम के प्रतीकों को दी जाएगी दूतावास में जगह
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पहल अयोध्या शोध संस्थान की ओर से की गई है. इस शोध संस्थान ने कहा है कि वह विदेश मंत्रालय से आग्रह करेंगे कि ऐसे देशों में भगवान राम और उनके प्रतीकों को रखा जाएगा. इसके साथ ही संस्थान की ओर से तैयार किए जा रहे ग्लोबल एनसाइक्लोपीडिया की एक कॉपी भी रखे जाने का प्रस्ताव है.
दुनियाभर के कई देशों में भगवान राम से जुड़े अंश मिलते रहे हैं. कई देशों में रामकथा और रामलीला का मंचन वहां की संस्कृति का हिस्सा है. मसलन, थाईलैंड में रामायण का स्थानीय संस्करण है, जो वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ है.
इसी तरह इंडोनेशिया, मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, मॉरीशस जैसे कई देशों में भगवान राम या रामायण का किसी न किसी रूप में जिक्र मिल जाता है. इनके अलावा रूस में भी रामलीला का मंचन किया जाता है.
दूतावासों को शोध करने के लिए कहा गया
रिपोर्ट में अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ वाईपी सिंह के हवाले से बताया गया है कि इस ग्लोबल एनसाइक्लोपीडिया के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दुनियाभर में मौजूद भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों से कहा है कि वह उन देशों में श्री राम के अंश की जानकारी के लिए शोध करवाएं.
जानकारी के मुताबिक, एनसाइक्लोपीडिया तैयार होने के बाद इसे राम और उनके प्रतीकों के साथ हर उस देश में मौजूद दूतावास में रखवाया जाएगा, जहां रामायण या राम से जुड़े अंश मिलेंगे.
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