नई दिल्ली: चीन के साथ रिश्तों में आई तल्खी और बदले वक्त की चुनौतियों के मद्देनजर भारत ने अपने विदेश नीति प्रबंधन में एक अहम बदलाव किया है. इस कड़ी में विदेश मंत्रालय में एक अतिरिक्त सचिव स्तर अधिकारी को इंडो-पैसिफिक, महासागर क्षेत्र और ऑस्ट्रेलिया समेत दक्षिणी इलाके का प्रभारी बनाया गया है.
इटली से लौटी भारतीय राजदूत रीनत संधू को इस नई जिम्मेदारी का प्रभार दिया गया है. उनके मातहत आसियान, ऑस्ट्रेलिया समेत हिंद-प्रशांत के महासागरीय इलाकों का नीति प्रबंधन होगा. महत्वपूर्ण है कि कोविड संकट के बाद आए भू-राजनैतिक बदलावों और रणनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर इन बदलवों को अहम माना जा रहा है.
गौरतलब है कि बीते दिनों भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ मिलकर वैश्विक सप्लाई चेन की एक-देश पर निर्भरता तोड़ने की मुहिम शुरु की है. इसके अलावा भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के साथ न केवल लॉजिस्टिक सपोर्ट समझौते किए हैं. बल्कि अपनी रणनीतिक हैसियत का इजहार करते हुए नौसैनिक मौजूदगी को भी विस्तार देना शुरु किया है.
जानकारों के मुताबिक ताजा बदलाव एक कोशिश है जिसके जरिए हिंद-प्रशांत और आसियान इलाके की नितियों में भी अधिक तालमेल बैठाया जा सके. महत्वपूर्ण है कि भारत अपने एक्ट-ईस्ट नीति को भी धीरे-धीरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उभरते हालात के अनुरूप ढाल रहा है.
ध्यान रहे कि इंडो-पैसिफिक के लिए बढ़ते फोकस का ही असर है कि भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ बनी अपनी चौकड़ी यानी क्वाड पर सक्रियता बढ़ाई है. इसके अलावा भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपनी संपर्क और संवाद प्रक्रिया को अधिक कारगर बनाने का फैसला लिया है.
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