नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अब कलर ब्लाइंड लोगों को भी लाइसेंस देने का फैसला किया है. इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के फॉर्म 1 और फॉर्म 1A में संशोधन के लिए एक अधिसूचना कर दिया है. इसे माइल्ड और मीडियम कलर ब्लाइंड व्यक्ति को लाइसेंस मिल सकेगा.
इसे पहले भारत में कलर ब्लाइंड व्यक्ति को लाइसेंस नहीं मिलता था. फिर चाहे कलर ब्लाइंड व्यक्ति माइल्ड हो या मीडियम हो. ये पहली बार ऐसा फैसला लिया गया है और इसको लेकर बदलाव लिए गए है.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ये फैसला कुछ कलर ब्लाइंड नागरिकों की तरफ दिए गए प्रेजेंटेशन के बाद लिया. इसके बाद मंत्रालय ने काफी विचार किया और मेडिकल एक्सपर्ट की राय लेने के बाद फैसला करने का फैसला किया.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने चिकित्सा विशेषज्ञ संस्थान के साथ चर्चा की और उनकी सलाह भी मांगी. प्राप्त सिफारिशें थीं कि हल्के से मध्यम रंग के अंधे नागरिकों को वाहन चलाने की अनुमति दी जाए. वहीं ये लाइसेंस सिर्फ माइल्ड और मीडियम केस के व्यक्ति को मिले. किसी भी गंभीर केस वाले व्यक्ति को ये लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को ये प्रूफ करना होगा कि वे माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड हैं. वहीं आवेदक के लिए मेडिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा. भारत में ये पहली बार होगा, वहीं मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ऐसा दूसरे देशों में होता है.
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