बैंगलुरू/नई दिल्ली: कर्नाटक में वोटिंग से 11 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत में दावा किया कि सूबे में बीजेपी की हवा नहीं, बल्कि आंधी है और उनकी पार्टी की जीत हो रही है. चुनाव रैली में उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला किया. पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल की '15 मिनट वाली चुनौती' वाले बयान का खूब मजाक उड़ाया.


मोदी ने राहुल को चुनौती दी कि बोलना है तो कर्नाटक में सरकार की उपलब्धियों पर बोलें. बिना कागज पढ़े बोलें और चाहें तो मां की मातृभाषा में भी बोल सकते हैं. दरअसल राहुल ने कहा था कि संसद में मुझे 15 मिनट बोलने दें. मोदी संसद में खड़े नहीं हो पाएंगे.


क्या कहा प्रधानमंत्री ने?
प्रधानमंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''हाल ही में मुझे एक चुनौती मिली है. उन्होंने कहा अगर मैं संसद में 15 मिनट बोलूंगा तो मोदी जी बैठ भी नहीं पाएंगे. वो 15 मिनट बोलेंगे यह भी बहुत बड़ी बात है. मैं बैठ नहीं पाऊंगा यह सुनकर तो मुझे याद आता है कि वाह क्या सीन है.''


प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ''श्रीमान अध्यक्ष जी (राहुल गांधी) आपने सही फरमाया है, हम आपके सामने नहीं बैठ सकते. आप नामदार हैं, हम कामदारों की क्या हैसियत कि आपके सामने बैठ पाएं. हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं.''


पीएम मोदी ने कहा, ''इस चुनाव अभियान के दौरान कर्नाटक में आपको जो भाषा पसंद जो उस भाषा में, हिंदी बोल सकें तो हिंदी, अंग्रेजी बोल सकें तो अंग्रेजी, आपकी माता जी की मातृभाषा में बोल सकें तो मातृभाषा, आप 15 मिनट हाथ में कागज लिए बिना कर्नाटक की अपनी सरकार की उपलब्धियां जनता के सामने बोल दीजिए. एक छोटा सा काम और कर देना, उस 15 मिनट के भाषण के दरम्यान कम से कम पांच बार श्रीमान विश्वसरैया जी के नाम का उल्लेख कर दीजिए.''


राहुल गांधी ने क्या चुनौती दी थी?
दिल्ली में कांग्रेस के एक सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा था कि अगर मुझे संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाए तो मोदी जी बैठ भी नहीं पाएंगे. राहुल ने कहा था कि 15 मिनट मैं राफेल की बात करूंगा और नीरव मोदी की बात करूंगा.