जम्मू: किसान कानून के विरोध की आग अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी पहुंच गयी है. मंगलवार को इस कानून के विरोध में जम्मू में किसानों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. जम्मू में किसानों ने दावा किया है कि एक तरफ पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी और दूसरी तरफ ऐसे किसान विरोधी कानून उन्हें खुदकुशी करने पर मजबूर कर देगी.
जम्मू में किसानों का आरोप है कि यह बिल बड़े उद्योगपतियों और कंपनियों के मुनाफे के लिए लाया गया है और इसमें किसानों का हित नहीं है. किसानों ने आरोप लगाया कि जम्मू का किसान छोटा किसान है और इस कानून में छोटे किसानों के लिए कुछ नहीं रखा गया है. वहीं, जम्मू में कांग्रेस इस कानून के खिलाफ 2 अक्टूबर से प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी.
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए किसान कानूनों के विरोध में आवाज बुलंद करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि ये कानून 'किसानों के दिलों में छुरा मारने' और उनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ने के लिए लाए गए हैं. उन्होंने लगभग 10 मिनट तक वर्चुअल रूप से किसानों के साथ बातचीत भी की.
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें बताया गया था कि 2016 में नोटबंदी का उद्देश्य काले धन से लड़ना था, लेकिन यह झूठ था. मुख्य उद्देश्य किसानों और श्रमिकों को आर्थिक चोट पहुंचाना था. इसी तरह, जीएसटी के रोलआउट का उद्देश्य समान था. कोरोनो वायरस महामारी के दौरान भी गरीबों को पैसे दिए जाने की जरूरत थी, लेकिन सरकार ने कुछ भी नहीं दिया."
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