नई दिल्ली: भारत में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए आईसीएमआर ने प्राइवेट लैब को भी कोविड-19 का टेस्ट करने की अनुमति दे दी है. इसके लिए खास नियम भी बनाए गए हैं. जिनका सख्ती से पालन इन लैब्स को करना होगा. हालांकि अब तक भारत में कुल 12 निजी लैब को इजाजत दी गई है.


आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया, "भारत में अभी तक 12 लैब को कोरोना टेस्ट करने की अनुमति दे दी गई है. वहीं इन 12 लैब के 12 हजार से ज्यादा कलेक्शन सेंटर है जिससे टेस्ट में बहुत मदद मिलेगी. इसके टेस्ट के लिए 4500 रुपए लगेंगे." इन प्राइवेट लैब में कोई भी टेस्ट करा सकता है लेकिन उसके लिए कई नियम हैं.


- कोई भी अपनी मर्जी टेस्ट नहीं कर सकता है. ना लैब ना कोई व्यक्ति.
- मान्यताप्राप्त डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही ये टेस्ट होगा.
- टेस्ट उन्हीं का होगा जो हाल ही में विदेश से लौटे है, या किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हैं या उन्हें जिन्हें सीरियस एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस है.
- इसके अलावा हेल्थ केयर वर्कर यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स करा सकते है.
- वहीं प्राइमरी टेस्ट और कन्फर्मेशन टेस्ट दोनों के लिए प्राइवेट लैब सिर्फ 4500 रुपए ही ले सकते हैं.

आईसीएमआर का मानना है की प्राइवेट लैब को इस काम में शामिल करने से सरकार पर दबाव कम हो जाएगा. वहीं इन निजी लैब की लंबी लैब चैन है जिसे कलेक्शन में आसानी होगी. वहीं. केस ज्यादा होने पर लोगों को भी सहूलियत होगी.


आईसीएमआर के साइंटिस्ट डॉ रमन गंगाखेड़कर ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "एक चीज लोगों को समझना जरूरी है कि प्राइवेट लैब है तो कोई भी नहीं ऐसे जाकर टेस्ट करा सकता है. उसके लिए हमने सख्त गाइडलाइन जारी की है. कोई ये सोचे की मैं जाकर टेस्ट करा लेता हूं तो ये गलत है. आपको समझना होगा कि दुनिया में ये महामारी फैली है और ऐसे ही टेस्ट कराएंगे तो वो टेस्ट किट बर्बाद हो जाएगी और जरूरत के समय नहीं होगी."


फिलहाल भारत में 111 सरकारी लैब जहां कोविड 19 का टेस्ट हो रहा है. वहीं जल्द ही आईसीएमआर रैपिड टेस्टिंग मशीन शुरू करने जा रही है जो की नोएडा और भुवनेश्वर में होगी. ये मशीन एक दिन में यानी रोजान 1400 सैंपल टेस्ट करेगी.


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