नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की जेलों में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए अनेक कदम उठाए हैं. इसके तहत अब अगले आदेश तक कैदियों से उनके परिजन मुलाकात नहीं कर सकेंगे. कैदियों की घर पर टेलीफोन के जरिए बात बिना किसी शुल्क के कराई जाएगी. इसके साथ ही लगभग 4000 कैदियों को तक जेल से विभिन्न प्रकार की जमानत के तहत रिहा किया जा चुका है.


ध्यान रहे कि तिहाड़ जेल में भी कैदियों में कोरोना वायरस संक्रमण की शिकायतें मिली है. ऐसे में जेल प्रशासन ने यह संक्रमण और ज्यादा ना फैले इसके लिए अनेक एहतियाती उपाय किए हैं. जेल के एआईजी राजकुमार के मुताबिक प्रत्येक जेल में आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है. जहां संदिग्ध कैदियों को रखा जाएगा. इसके अलावा अब जेल जाने वाले हर पुरुष कैदी को एक ही जेल में शुरुआती 14 दिनों के दौरान रखा जाएगा. यही नियम महिलाओं पर भी लागू होगा. तिहाड़ जेल प्रोडक्शन वारंट के जरिए अब कोर्ट के सामने कैदियों को पेश नहीं करेगा और आवश्यक मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कराई जाएगी. जेल में आने वाले प्रत्येक शख्स की मेडिकल जांच होगी चाहे वह कैदी हो या सुरक्षाकर्मी या फिर मेडिकल स्टाफ.


जेल के किसी भी कैदी में अगर कोरोना वायरस के सिम्टम्स पाए जाएंगे तो उसकी अनेक बार चेकिंग कराई जाएगी. साथ ही अब एनजीओ भी जेल का दौरा नहीं कर पाएंगे. यह कदम इसलिए उठाया गया है जिससे कि कैदियों को बाहरी लोगों के संपर्क में आने से पूरी तरह से रोका जा सके. तिहाड़ जेल के अधिकारी के मुताबिक अब कैदी एक जगह भीड़ ना लगा सकें इसके तहत कैदी अपने वार्ड के बाहर नहीं जा पाएंगे और केवल इमरजेंसी परिस्थितियों में ही कैदियों को अस्पताल ले जाया जाएगा. कोरोना से संक्रमित यदि किसी कैदी को अस्पताल ले जाना पड़ा तो उसके लिए भी अलग से एस ओ पी बनाई गई है.


जेल के हिस्सों में कैदी क्या करें और क्या ना करें यह डिस्प्ले किया जाएगा. साथ ही कैदियों और जेल के स्टाफ को इस बारे में साउंड सिस्टम के जरिए भी समय-समय पर जानकारी दी जाएगी. यदि कोई कैदी कोरोना संक्रमित पाया गया है तो उसके संपर्क मे और कौन-कौन कैदी आए हैं. इसकी जानकारी के लिए जेल में एसटीएफ बनाई गई है. नए कैदियों की मानसिक जांच की जाएगी और साथ ही उनका मानसिक स्वास्थ्य सही रहे इसके लिए उनकी काउंसलिंग भी कराई जाएगी.


जेल के आला अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की जेलों में भीड़ को देखते हुए 23 मार्च से अब तक 1056 लोगों को इमरजेंसी पैरोल दी गई है जबकि 2177 लोगों को अंतरिम जमानत दी गई है. इनमें इमरजेंसी पैरोल 8 सप्ताह के लिए और अंतरिम जमानत 45 दिनों के लिए दी जाती है. जेल अधिकारी के मुताबिक 301 ऐसे कैदियों को भी छोड़ा गया है जो जमानत होने के बावजूद अपना बेल बांड भरवाने में असमर्थ थे यानी उनके लिए कोई जमानती नहीं आया था. ऐसे कैदियों को भी पर्सनल बांड पर जमानत दी गई है. जेल में मौजूद बेरको को और जेल कर्मियों के कार्यालयों का भी सैनिटाइजेशन कराया जाएगा. साथ ही कैदियों को मास्क लगाने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा. जेल प्रशासन का मानना है कि कोरोना के खतरे से कैदियों को बचाने के लिए जो भी संभव उपाय होंगे वे सभी हर कीमत पर किए जाएंगे.