नई दिल्लीः एनपीसीआईएल ने स्वीकार किया कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में उसके एक कंप्यूटर पर मैलवेयर हमला हुआ था. एक दिन पहले संयंत्र के अधिकारियों ने कहा था कि वहां के सिस्टम पर हमला करना संभव नहीं है. परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत लोक उपक्रम न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) ने कहा है कि हमले से संयंत्र की कंप्यूटरीकृत कार्यप्रणाली पर असर नहीं पड़ा.


एनपीसीआईएल ने कहा, ‘‘इस साल चार सितंबर को पता चलने पर इस मामले को सीईआरटी-इन (कंप्यूटर आपात कार्रवाई टीम) द्वारा सूचित किया गया था.’’


परमाणु ऊर्जा विभाग के विशेषज्ञों ने तुरंत मामले की छानबीन शुरू कर दी. जांच में पता चला कि प्रभावित कंप्यूटर एक यूजर का था जो कि प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ा था.


बयान में कहा गया यह अति महत्वपूर्ण नेटवर्क से अलग था. नेटवर्क की लगातार निगरानी की जाती है. जांच टीम ने यह भी पुष्टि की कि संयंत्र की प्रणाली प्रभावित नहीं हुई है.


मंगलवार को कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र ने अपने सिस्टम पर साइबर हमले की आशंका को निराधार बताया और कहा कि हमला करना संभव नहीं है.


केकेएनपीपी के प्रशिक्षण अधीक्षक और सूचना अधिकारी आर रामदास ने कहा कि साइबर हमले के बारे में सोशल मीडिया पर आयी खबरें झूठ है और साफ किया कि केकेएनपीपी और अन्य परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की नियंत्रण प्रणाली स्वत: काम करती है और यह बाहर के किसी साइबर नेटवर्क या इंटरनेट से जुड़ी हुई नहीं होती है .


चेन्नई से मिली खबर के मुताबिक, द्रमुक ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के कंप्यूटर पर मालवेयर हमले पर हैरानी जतायी और ‘चूक’ को लेकर केंद्र से जांच कराने की मांग की.


एनपीसीआईएल द्वारा मालवेयर हमले की बात स्वीकार करने के कुछ घंटे बाद द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने पर्याप्त सुरक्षा उपायों की ‘कमी’ पर चिंता जतायी.


उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘एनपीसीआईएल केंद्र पर साइबर हमले से हैरानी हो रही है . इससे पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी का पता चलता है.’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चूक की जांच करानी चाहिए.


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