असम NRC: एयरपोर्ट पर हिरासत में लिए गए ममता के MP-MLA, TMC बोली- ‘ये सुपर इमरजेंसी’
ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल को असम के सिल्चर एयपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया. ये लोग लोकतांत्रित ढ़ंग से लोगों से मिलने वाले थे. ये सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं.
गुवाहाटी: असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर सड़क से लेकर संसद तक सियासी लड़ाई जारी है. एनआरसी ड्राफ्ट का मुखर रूप से विरोध कर रही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद आज असम दौरे पर गए. जहां उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया. टीएमसी ने इसे आपतकाल से भी खतरनाक समय करार दिया है.
टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पार्टी के छह सांसद और दो विधायकों को सिल्चर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, ''हमारे प्रतिनिधिमंडल को सिल्चर एयपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया. ये लोग लोकतांत्रित ढ़ंग से लोगों से मिलने वाले थे. ये सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं.''
सांसदों को हिरासत में लिए जाने पर ममता बनर्जी ने भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, ''ये अत्याचार है. ये सिर्फ निंदा लायक नहीं है. वे (बीजेपी) निराश हैं, वो राजनीतिक तौर पर हताश हो चुके है और यही वजह है कि ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं.''
#WATCH Trinamool Congress MP and MLA delegation detained at Silchar airport #NRCAssam pic.twitter.com/G8l2l3OEFp
— ANI (@ANI) August 2, 2018
टीएमसी का दावा है कि एनआरसी ड्राफ्ट आने के बाद से पूरे असम में अशांति है, बीजेपी की सरकार ने इंटरनेट कनेक्शन काट दिये हैं. वहां की खबरों को बाहर नहीं आने दिया जा रहा है. पार्टी ने कहा कि इसकी हकीकत जानने और मौजूदा परिस्थिति को परखने के लिए पार्टी सांसद जा रहे थे तभी हिरासत में ले लिया गया.
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टीएमसी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल एनआरसी को लेकर लगातार सरकार पर सवाल उठा रही है. राज्यसभा में लगातार आज चौथे दिन जमकर हंगामा हुआ. फिर दिन भर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
ममता बनर्जी का कहना है कि असम एनआरसी में जिन करीब 40 लाख लोगों का नाम नहीं है वो वोटर हैं. उन्हें अपने ही घर में बेघर कर दिया गया. ममता बनर्जी ने कल कहा था, "हमने 40 लाख मतदाताओं के भाग्य के बारे में बात की, जिन्हें यहां से भेजने का निर्णय किया जा रहा है. ये लोग बिहार, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु के हैं. अगर इन लोगों को यहां से भेजा गया, तो बीजेपी क्या चाहती है? क्या वह शांति चाहती है या गृह युद्ध चाहती है?"
वहीं सत्तारूढ़ दल का कहना है कि कुछ को छोड़कर ज्यादातर बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं. हालांकि सरकार ने कहा है कि नागरिकता साबित करने के लिए अभी और मौके दिये जाएंगे.
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