पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बहस का मुद्दा बना NRC, ममता का दावा- अबतक 11 लोगों ने की आत्महत्या
असम में 31 अगस्त को प्रकाशित हुई एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे गए 19 लाख से ज्यादा लोगों में करीब 12 लाख हिंदू हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रखे सम्मेलन को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को कोलकाता का दौरा करेंगे.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ने राजनीतिक बहस का रूप ले लिया है. एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता जाने के डर से 11 लोगों द्वारा आत्महत्या करने का बुधवार को दावा किया वहीं बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जोर दिया कि राज्य में एनआरसी लागू की जाएगी लेकिन किसी हिंदू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.
ममता पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है बीजेपी
सीएम ममता बनर्जी ने प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) और लोक प्रतिनिधियों से प्रत्येक घर जाने और भारत की नागरिकता छिनने के डर संबंधी लोगों की चिंताओं को दूर करने को कहा. बीजेपी ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है. बीजेपी महासचिव विजयवर्गीय ने हालांकि कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार की जाएगी लेकिन किसी भी हिंदू को इससे बाहर नहीं रखा जाएगा.
ममता ने पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा में प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “कितने लोग मर गए हैं. एनआरसी को लेकर फैली अफरा-तफरी में अब तक 11 लोग मारे जा चुके हैं. मैं लोगों का डर दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों एवं लोक प्रतिनिधियों से अपने-अपने इलाके में प्रत्येक घर में जाने को कहूंगी.” उन्होंने घोषणा की, “बंगाल में एनआरसी की कवायद नहीं होगी.”
पश्चिम बंगाल में भी लागू होगा NRC, किसी हिंदू को इससे बाहर नहीं रखा जाएगा- कैलाश विजयवर्गीय
ममता सरकार ने विज्ञापन जारी करने शुरू किए
राज्य की टीएमसी सरकार ने लोगों से परेशान नहीं होने के संबंध में टीवी और प्रिंट मीडिया को विज्ञापन जारी करना भी शुरू कर दिया. स्थानीय टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित की जा रहा चार मिनट की ऑडियो-विजुअल क्लिप में बनर्जी लोगों से परेशान नहीं होने या एनआरसी के संबंध में “झूठे दावों” से भ्रमित नहीं होने को कहती नजर आ रही हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार यह कहा कि असम तक सीमित एनआरसी की प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में भी अंजाम दिया जाएगा. बनर्जी ने कहा कि राशन कार्ड जारी करने, बदलने और उसको अद्यतन करने के उनके सरकार के कार्यक्रम का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है जैसा कि कुछ लोग संदेह जता रहे हैं.
एक अक्टूबर को कोलकाता का दौरा करेंगे अमित शाह
हालांकि केंद्र ने पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी की प्रक्रिया दोहराने के बारे में कोई फैसला अभी नहीं किया है लेकिन बीडीओ कार्यालयों, अन्य दफ्तरों के साथ ही नगर निकायों के कार्यालयों के बाहर निवास स्थान संबंधी आवश्यक दस्तावेज जुटाने के लिए बड़ी- बड़ी कतार देखी जा रही हैं. असम में 31 अगस्त को प्रकाशित हुई एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे गए 19 लाख से ज्यादा लोगों में करीब 12 लाख हिंदू हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रखे सम्मेलन को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को कोलकाता का दौरा करेंगे.
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