असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारतीयों और घुसपैठियों में अंतर करने के लिए ये दस्तावेज जरूरी हैं. वह ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए गए थे. दर्शन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए किसी को भी अपना नाम एनआरसी में पंजीकृत कराना होगा.


उन्होंने कहा कि अगर आवेदक का नाम एनआरसी में नहीं है तो उसे आधार कार्ड नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि एनआरसी जैसे दस्तावेज तैयार किए जाएं ताकि हम आसानी से पहचान सकें कि कौन भारतीय है और कौन घुसपैठिया है.' उन्होंने कहा कि असम और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की सीमा पर बाड़ लगाना मुश्किल है क्योंकि ऐसे कई इलाकों में नदियां हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करके सीमा को सुरक्षित किया जा सकता है.


असम के मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार ने असम और त्रिपुरा में तकनीकी पहल शुरू की है, लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रही है. अगर बंगाल सहयोग करे तो हम घुसपैठ रोक सकते हैं.' बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर उन्होंने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है, लेकिन, मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कूटनीतिक स्तर पर कुछ कदम जरूर उठाएंगे.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल में विदेश सचिव को बांग्लादेश भेजा था और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री द्वारा कूटनीतिक तरीके से किए गए प्रयासों से वहां शांति बहाल होगी.


इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए हिमंता बिस्व सरमा ने दावा किया, 'न तो राहुल गांधी और न ही कांग्रेस पार्टी कभी हिंदू समुदाय के साथ खड़ी रही. वे भविष्य में भी उनके साथ नहीं खड़े होंगे.' 'एक देश, एक चुनाव प्रणाली का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, 'असम में विधानसभा और संसद के चुनाव अलग-अलग समय पर हो रहे हैं. चुनावों के दौरान, विकास कार्य आमतौर पर लगभग पूरे साल बाधित रहते हैं.' उन्होंने कहा कि इसलिए, प्रधानमंत्री ‘एक देश, एक चुनाव’ चाहते हैं ताकि विकास कार्य बाधित न हों.'


इसे लागू करने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से संविधान में संशोधन लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी निश्चित रूप से ऐसा करेंगे. पत्रकारों ने जब उनसे नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (BJD) के भविष्य के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, 'बीजद का दौर अब समाप्त हो गया है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार कम से कम 50 साल तक ओडिशा में रहेगी.'


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