एक्सप्लोरर

National Register of Citizenship: ये क्या है और क्यों असम में बवाल मचा है

बवाल इसलिए मचा हुआ कि एनआरसी की पहली लिस्ट में 2 करोड़ 24 लाख लोगों का नाम जारी किया गया है, लेकिन 1 करोड़ 39 लाख लोगों का नाम इसमें शामिल नहीं है. हालांकि, सरकार की तरफ से एलान किया गया है कि इस साल तक अंतिम लिस्ट जारी कर दी जाएगी.

नई दिल्ली: असम सरकार की तरफ से बहुचर्चित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (एनआरसी) का पहला मसौदा जारी किया गया है. इसमें एक करोड़ 90 लाख नागरिकों के नाम शामिल कि गए हैं. इस लिस्ट को असम राज्य में नागरिकों के परिचय पत्र की तरह देखा जा रहा है. एनआरसी को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं.

बवाल इसलिए मचा हुआ कि पहली लिस्ट में 1 करोड़ 90 लाख लोगों का नाम जारी किया गया है, लेकिन 1 करोड़ 39 लाख लोगों का नाम इसमें शामिल नहीं है. हालांकि, सरकार की तरफ से एलान किया गया है कि इस साल तक अंतिम लिस्ट जारी कर दी जाएगी.

आइए जानते हैं एनआरसी से जुड़ी कुछ खास बातें.

असम में एनआरसी लाने की आवश्यक्ता क्यों थी? असम राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का पता लगाने के लिए असम में एनआरसी का पहला मसौदा जारी किया गया है. जिसमें मार्च 24, 1971 की मध्यरात्रि के बाद से अवैध रूप से राज्य में घुस आए बांग्लादेशी नागरिकों का पता लगाने की कोशिश जाएगी. यह तारीख मूल रूप से 1985 में असम समझौते में मुकर्रर की गई थी. जिसमें तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी सरकार और असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के बीच हस्ताक्षर किए गए थे.

हालांकि, उसके बाद असम की राज्य सरकार असम समझौते में निर्धारित विदेशियों की पहचान और निष्कासित करने में लगातार असफल रही. साल 2005 में तब के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और केन्द्र सरकार के बीच एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. जिसमें एनआरसी को जारी करने का निर्णय लिया गया था. भारत में पहली बार एनआरसी विभाजन के बाद 1951 की जनगणना के बाद प्रकाशित किया गया था.

यहां तक कि गोगोई सरकार ने कुछ जिलों में पायलट परियोजना के रूप में एनआरसी अपडेट शुरू कर दिया था, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा के बाद यह रोक दिया गया.

जुलाई 2009 में एक गैर सरकारी संगठन असम लोक निर्माण (एपीडब्ल्यू) ने राज्य में बांग्लादेशी विदेशियों की पहचान करने और मतदाताओं की सूची से उनके नामों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद कोर्ट ने इस काम को जल्द पूरा करने का आदेश दिया.

उन व्यक्तियों का क्या होगा जिनका नाम प्रकाशित मसौदा रजिस्टर में नहीं मिले हैं?

बीते सोमवार को प्रकाशित लिस्ट में एनआरसी का पहला मसौदा जारी किया गया है. अधिक नामों और विवरण के साथ एक और लिस्ट फरवरी के अंत या मार्च के शुरू में प्रकाशित होने की उम्मीद है. हालांकि, यदि किसी नागरिक का नाम इस लिस्ट से गायब है, तो वह www.nrcassam.nic.in पर अपनी आपत्ति ऑनलाइन दर्ज कर सकता है और एनआरसी केंद्र या वेबसाइट पर आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद लिस्ट में अपना नाम शामिल करने का अनुरोध कर सकता है.

क्या एनआरसी एक अदालती कार्यवाई है? हां, 31 दिसंबर 2017 को एनआरसी के पहले ड्राफ्ट का प्रकाशन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ही ऑर्डर दिया था. शीर्ष अदालत, जुलाई 2009 में असम लोक निर्माण की तरफ से दायर याचिका में बांग्लादेशियों को खोजने और हटाने में कोर्ट के हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, उसके बाद से इस मामले की सुनवाई कर रहा है.

देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले असम के लोगों को भी इस लिस्ट में अपने नाम रजिस्टर करा लेना चाहिए? एनआरसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत अप्रत्यक्ष रूप से देश में गैरकानूनी तौर पर रह विदेशी नागरिकों को खोजने का प्रयास किया जाता है. अगर आप असम राज्य के नागरिक हैं और देश के दूसरे हिस्से में रह रहे हैं या काम कर रहा हैं, तो आपको एनआरसी में अपना नाम दर्ज कराने की जरूरत है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

आज दिल्ली में गर्मी, यूपी में बारिश, दीवाली बाद उत्तर भारत में जमकर सताएगी ठंड, मौसम विभाग का ताजा अपडेट
आज दिल्ली में गर्मी, यूपी में बारिश, दीवाली बाद उत्तर भारत में जमकर सताएगी ठंड, मौसम विभाग का ताजा अपडेट
Abhinav Arora: कितने बड़े कृष्ण भक्त हैं अभिनव अरोड़ा, हो गया लाइव टेस्ट, जवाब सुनकर सिर पीट लेंगे आप
कितने बड़े कृष्ण भक्त हैं अभिनव अरोड़ा, हो गया लाइव टेस्ट, जवाब सुनकर सिर पीट लेंगे आप
महाराष्ट्र के मैदान में 7995 उम्मीदवार, 14 पर AIMIM तो महायुति-MVA में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा चुनाव?
महाराष्ट्र के मैदान में 7995 उम्मीदवार, महायुति-MVA में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा चुनाव?
VVKWWV Vs Jigra BO Collection Day 19: बॉक्स ऑफिस पर आखिरी सांसें गिन रहीं ‘विक्की विद्या ’ और ‘जिगरा’, 19 दिन में हुई बस इतनी कमाई
बॉक्स ऑफिस पर आखिरी सांसें गिन रहीं ‘विक्की विद्या ’ और ‘जिगरा’, 19 दिन में हुई बस इतनी कमाई
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Lawrence Bishnoi News: Salman Khan और Zeeshan Siddique को फिर मिली धमकी | ABP NewsFood Poison: मोमोज प्लेट में 'साइलेंट मौत'..टोमेटो सॉस में खतरनाक केमिकल! | Sansani24 Ghante 24 Reporter Full Episode: दिन की बड़ी खबरें विस्तार से | Maharashtra Election | ABP NewsJanhit with Chitra Tripathi: गठबंधन में 'गांठ' या चुनावी साठगांठ ? | Maharashtra Politics | ABP

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
आज दिल्ली में गर्मी, यूपी में बारिश, दीवाली बाद उत्तर भारत में जमकर सताएगी ठंड, मौसम विभाग का ताजा अपडेट
आज दिल्ली में गर्मी, यूपी में बारिश, दीवाली बाद उत्तर भारत में जमकर सताएगी ठंड, मौसम विभाग का ताजा अपडेट
Abhinav Arora: कितने बड़े कृष्ण भक्त हैं अभिनव अरोड़ा, हो गया लाइव टेस्ट, जवाब सुनकर सिर पीट लेंगे आप
कितने बड़े कृष्ण भक्त हैं अभिनव अरोड़ा, हो गया लाइव टेस्ट, जवाब सुनकर सिर पीट लेंगे आप
महाराष्ट्र के मैदान में 7995 उम्मीदवार, 14 पर AIMIM तो महायुति-MVA में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा चुनाव?
महाराष्ट्र के मैदान में 7995 उम्मीदवार, महायुति-MVA में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा चुनाव?
VVKWWV Vs Jigra BO Collection Day 19: बॉक्स ऑफिस पर आखिरी सांसें गिन रहीं ‘विक्की विद्या ’ और ‘जिगरा’, 19 दिन में हुई बस इतनी कमाई
बॉक्स ऑफिस पर आखिरी सांसें गिन रहीं ‘विक्की विद्या ’ और ‘जिगरा’, 19 दिन में हुई बस इतनी कमाई
दिवाली पर यहां मिल रही है पाकिस्तान के पिस्ता से बनी मिठाई! कीमत 24 हजार रुपये किलो, क्या है खास जानिए
दिवाली पर यहां मिल रही है पाकिस्तान के पिस्ता से बनी मिठाई! कीमत 24 हजार रुपये किलो, क्या है खास जानिए
मोहम्मद रिजवान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के पाकिस्तान दौरे की जताई उम्मीद, जानें क्या बोले
मोहम्मद रिजवान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के पाकिस्तान दौरे की जताई उम्मीद
Jobs in India: कर्ज में डूबते जा रहे हैं भारत के नौकरीपेशा लोग, हर साल तेजी से बढ़ता जा रहा आंकड़ा
कर्ज में डूबते जा रहे हैं भारत के नौकरीपेशा लोग, हर साल तेजी से बढ़ता जा रहा आंकड़ा
Maharashtra Election 2024: नामांकन खत्म, लेकिन 15 सीटों पर महाराष्ट्र में नहीं बनी बात, कहीं खड़ी न कर दें ये खाट
नामांकन खत्म, लेकिन 15 सीटों पर महाराष्ट्र में नहीं बनी बात, कहीं खड़ी न कर दें ये खाट
Embed widget