'पीएम ने मांगी थी माफी, कहा- हमसे भूल हो गई', किसान आंदोलन के दौरान देश से लौटाए गए NRI सिख बिजनेसमैन का दावा
किसान आंदोलन के दौरान दर्शन सिंह धालीवाल को नई दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था. इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में राष्ट्रपति मुर्मू ने सम्मानित किया गया.
Pravasi Bhartiya Samman 2023: साल 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मान जिन एनआरआई को दिया गया है उनमें अमेरिका में बसे NRI दर्शन सिंह धालीवाल भी हैं. दर्शन सिंह धालीवाल ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने उनसे 150 लोगों के सामने माफी मांगी थी जिसमें उन्होंने अपनी बड़ी गलती को लेकर दुख जताया था.
दरअसल दर्शन सिंह धालीवाल वही एनआरआई हैं जिन्हें 23-24 अक्टूबर 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लंगर लगाने के लिए नई दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था. मंगलवार को इन्हीं दर्शन सिंह को राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा.
पीएम ने कहा- बड़ी भूल हो गई
पुरस्कार लेने के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए दर्शन सिंह ने कहा कि "मुझे वापस भेजने के लिए प्रधानमंत्री ने 150 लोगों के सामने माफी मांगी थी और कहा 'हमसे बड़ी भूल हो गई, आपको भेज दिया, पर आपका बड़प्पन है जो हमारे कहने पर फिर भी आ गए'."
दर्शन सिंह और प्रधानमंत्री के बीच बातचीत का ये किस्सा अप्रैल 2022 का है जब पीएम मोदी दुनिया भर से आए सिख प्रतिनिधिमंडल से अपने आधिकारिक आवास पर मिले थे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने सिखों के योगदान का जिक्र करते हुए कहा था कि "सिख समुदाय ने दूसरे देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका अदा की है."
दर्शन सिंह को क्यों भेजा गया था वापस?
अक्टूबर 2021 की उस घटना को याद करते हुए दर्शन सिंह ने कहा अधिकारियों ने उनके सामने सिर्फ दो विकल्प दिए थे. दर्शन सिंह ने बताया "मुझसे कहा गया या तो लंगर रोकर मध्यस्थता करूं या फिर वापस चला जाऊं."
दर्शन सिंह धालीवाल 1972 में अमेरिका चले गए थे. आज वे एक सफल व्यवसायी हैं और वहां पर फ्यूल स्टेशन की चेन चलाते हैं. दर्शन सिंह ने बताया कि 2020 में दिसम्बर की सर्दियों में जब किसान दिल्ली में थे तो उस दौरान बारिश होने लगी थी. उन्होंने कहा "मैने वीडियो देखा, वे बारिश के बीच सो रहे थे. सर्दियों का मौसम था. मुझे लगा इन लोगों को मदद की जरूरत है. मैने लंगर डालने का फैसला किया. उन्हें बेड, कंबल और रजाई पहुंचाई.
धालीवाल ने बताया कि जो कुछ उन्होंने किया वह बस मानवता की वजह से था. इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा "मैने ये लोगों के लिए किया था."
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