नई दिल्लीः आम चुनाव की तैयारियों के बीच एनडीए सरकार अगले प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में करेगी और वो भी भरपूर भगवा रंगत के साथ. गंगा आरती से लेकर कुम्भ स्नान को भी इस बार प्रवासी भारतीय दिवस के लिए आने वाले एनआरआई मेहमानों के खास पैकेज टूर में शामिल किया गया है. प्रवासी भारतीय दिवस और कुंभ मेले को जोड़ने की जुगत में विदेश मंत्रालय के इस सरकारी आयोजन की तारीख को भी इस बार 9 जनवरी से बदलकर 21-23 जनवरी 2019 कर दिया है.


प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन के साथ सरकार एनआरआई मेहमानों को प्रयागराज में कुंभ मेला और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड भी दिखाएगी. इतना ही नहीं वाराणसी में आयोजन की शुरुआत एनआरआई मेहमानों के साथ विशेष गंगा आरती से होगी.


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुताबिक प्रवासी भारतीयों के आग्रह पर ही तारीखों में तब्दीली की गई है क्योंकि कई लोग कुंभ मेले में दर्शन और स्नान करना चाहते थे. साथ ही अनेक लोगों ने गणतंत्र दिवस देखने की भी इच्छा जताई थी. हालांकि विदेश मंत्री ने बताया कि 9 जनवरी भी खाली नहीं जाएगी और उस दिन वीडियो कांफ्रेस के जरिए 4 भारतीय दूतावासों में जमा भारतीयों से उनका संवाद होगा साथ ही अन्य मिशन भी आयोजन करेंगे.


महत्वपूर्ण है कि प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में हुई थी और हमेशा से यह 9 जनवरी को अयोजित होता रहा क्योंकि यह महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने की तारीख है.


प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत, 21 जनवरी को बनारस में यूथ पीबीडी से होगी. आयोजन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में और मुख्य अतिथि होंगे न्यूज़ीलैंड के युवा सांसद हिमांशु गुलाटी. अगले दिन 22 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस की उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे. इस दौरान विभिन्न सत्र अयोजित होंगे.


पहली बार प्रवासी दिवस की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार अपने सूबे के प्रवासियों से जुड़ने और उन्हें जोड़ने के विशेष प्रयास करेगी. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक उत्तरप्रदेश से निकले और राज्य से जुड़े भारतवंशियों के साथ व्यापक सम्पर्क संवाद का प्रयास होगा. प्रवासी दिवस परंपरा की शुरुआत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की कविताओं पर कार्यक्रम होंगे वहीं महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े आयोजन भी होंगे. इस मौके पर राज्य के खास उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाएगी. पन्द्रहवें प्रवासी दिवस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण से होगा.


इस आयोजन के लिए शनिवार को विदेश मंत्रालय और उत्तरप्रदेश सरकार के बीच सहयोग सामझौते पर दस्तखत भी हुए. उत्तर प्रदेश इस आयोजन के लिए विदेश मंत्रालय का सहयोगी राज्य है. 2014 में सत्ता संभालने के बाद एनडीए सरकार ने प्रवासी बहरतीय दिवस की परिपाटी बदलते हुए इसे दो साल में एक बार आयोजित करने का फैसला लिया. इस कड़ी में पहला पीबीडी जनवरी 2015 में अहमदाबाद तो दूसरा 2017 में बंगलोर में आयोजित किया गया.


उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार पीबीडी कार्यक्रम के लिए आने वाले प्रवासी भरतीयों को ठहराने लिए काशी और सारनाथ में होटल का अलावा विशेष स्विस टेंट वाले अस्थाई बसाहट की भी व्यवस्था की जाएगी.


विदेश मंत्री ने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस का मुख्य समारोह समाप्त होने के बाद मेहमानों को विशेष बसों से इलाहाबाद ले जाया जायेगा जहां वो प्रयागराज में लग रहे कुम्भ मेले के दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद 24 जनवरी की रात रेल मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विशेष प्रवासी एक्सप्रेस ट्रेन से सभी मेहमान दिल्ली पहुंचेंगे. एक दिन दिल्ली दर्शन करने के बाद अगले दिन प्रवासी भारतीय खास मेहमानों की तरह गणतंत्र दिवस परेड देख सकेंगे.