Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को पूरा होने में अब तीन महीने की देरी हो सकती है और अब ये मंदिर सितंबर 2025 तक तैयार होने की संभावना है. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार (8 नवंबर) को जानकारी दी कि पहले जून 2025 तक मंदिर का निर्माण पूरा होने का लक्ष्य था, लेकिन वर्तमान में 200 श्रमिकों की कमी के कारण इसमें देरी हो रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर की चारदीवारी में इस्तेमाल होने वाले 8.5 लाख घन फुट लाल बंसी पहाड़पुर पत्थर पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं, लेकिन श्रमिकों की कमी से निर्माण कार्य में बाधाएं आ रही हैं.
नृपेंद्र मिश्र ने ये भी बताया कि मंदिर के निर्माण में उपयोग किए जा रहे पत्थरों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार पहले तल पर कुछ पत्थरों को कमजोर और पतला पाया गया है जिनकी जगह पर अब मकराना के मजबूत पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा मंदिर की अन्य संरचनाओं जैसे सभागार, सीमा और परिक्रमा पथ की निर्माण प्रक्रिया भी जारी है. उन्होंने ये भी बताया कि मूर्तिकारों ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर 2024 तक मंदिर की सभी मूर्तियां पूरी कर ली जाएंगी और दिसंबर के अंत तक ये मूर्तियां अयोध्या पहुंच जाएंगी.
जयपुर में चल रहा है मूर्तियों का निर्माण कार्य
जयपुर में राम दरबार और सात मंदिरों सहित अन्य मूर्तियों का निर्माण कार्य चल रहा है. इन मूर्तियों को दिसंबर तक अयोध्या लाया जाएगा और फिर यह निर्णय लिया जाएगा कि इन्हें मंदिर में किस स्थान पर स्थापित किया जाएगा. नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि रामलला की दो मूर्तियों को पहले से ही ट्रस्ट की ओर से स्वीकृत किया गया है और उन्हें मंदिर में उचित स्थान दिया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के दर्शन के बाद बाहर निकलने के रास्ते को भी और अधिक सुलभ बनाने के लिए चर्चा की जा रही है. क्योंकि जब जन्मभूमि पथ के सामने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, तो उन्हें बाहर निकलने में कठिनाई काफी कठिनाई होती है.
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठकें जारी
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठकें लगातार जारी हैं और समिति के सदस्य इसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. आगामी कार्यों की योजना के तहत मंदिर की संरचनाओं और मूर्तियों की जल्द ही अंतिम रूप में स्थापना की जाएगी. मिश्र ने यह आश्वासन भी दिया कि सभी निर्माण कार्य समय पर पूरा होंगे, हालांकि श्रमिकों की कमी और सामग्री में बदलाव के कारण समयसीमा में थोड़ी देरी होने की संभावना है.
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