नई दिल्लीः प्रचंड जीत के साथ दोबारा प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया है. मोदी सरकार की ओर से ये दर्जा उन्हें पांच साल के लिए दिया गया है. 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए गए थे. अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था.


मोदी सरकार ने डोभाल को यह सम्मान राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके योगदान को देखते हुए दी है. भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइल और एयर स्ट्राइक की योजना का श्रेय एनएसए डोभाल को दिया जाता है.


फरवरी में सीआरपीएफ जवानों पर हुए पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इस एयर स्ट्राइक की भूमिका और प्लानिंग को लेकर डोभाल ने काफी काम किया था. एयर स्ट्राइक का श्रेय भी डोभाल को दिया जाता है.


जानें, कौन हैं डोभाल?

- अजीत डोभाल आईपीएस और भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं.

- वह 31 मई 2014 से अभी तक देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. वह देश के पांचवें सुरक्षा सलाहकार हैं.

- 1968 केरल बैच के अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे.

- वह सात साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस के तौर पर काम कर चुके हैं.

अजीत डोभाल भारत के एकमात्र ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें कीर्ति चक्र और शांतिकाल में मिलने वाले गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया है.

- अजीत डोभाल का जन्म 1945 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ है.

- उनकी पढ़ाई अजमेर मिलिट्री स्कूल में हुई है.

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