Colombo Security Conclave: कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल श्रीलंका दौरे पर हैं. इस दौरान शुक्रवार (30 अगस्त 2024) को उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और जारी द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर चर्चा की. श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग (पीएमडी) ने कहा कि डोभाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार सागला रत्नायके भी बैठक में शामिल हुए.
कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव का उद्देश्य
कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव भारत, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को एक मंच पर लाता है. कॉन्क्लेव में बांग्लादेश और सेशेल्स को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है. इस कॉन्क्लेव में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद की रोकथाम और साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होती है और भारत हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक विचारों को सभी देशों के सामने रखता है.
इस बैठक के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री कर्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े और छोटे पैमाने पर वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए भारत का धन्यवाद. सरकार ने बिजली उत्पादन और वितरण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए सीलोन विद्युत बोर्ड के नियमों में संशोधन करने के लिए कदम उठाए हैं."
बिजली पैदा करने को लेकर बोले श्रीलंकाई पीएम
बयान में कहा गया कि श्रीलंका अपनी घरेलू आवश्यकता से अधिक बिजली पैदा कर सकता है और अतिरिक्त बिजली भारत को बेचकर वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकता है. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में उच्चायुक्त संतोष झा, एडिशनल सक्रेटरी पुनीत अग्रवाल और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने सशस्त्र बलों और लोक सेवकों को उनके कौशल और दक्षता बढ़ाने को लेकर ट्रेनिंग देने के लिए भी भारत को धन्यवाद दिया. एनएसए अजीत डोभाल की यह यात्रा 21 सितंबर 2024 को होने वाले श्रीलंकाई राष्ट्रपति चुनाव से कुछ सप्ताह पहले हो रही है. (इनपुट एजेंसी से भी)
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