Ajit Doval On Islam: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीमा पार आतंकवाद और आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवाद को मानवता के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती करार दिया.  नई दिल्ली में मंगलवार को भारत और इंडोनेशिया के बीच एक दूसरे के धर्म के प्रति शांति और सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में उलेमाओं की भूमिका पर आयोजित चर्चा के दौरान अजीत डोभाल ने कहा कि उग्रवाद और आतंकवाद इस्लाम के खिलाफ है, क्योंकि इस्लाम का मतलब शांति और खुशहाली होती है.


धर्म का न हो संकीर्ण प्रयोग


डोभाल ने इंडोनेशिया के एनएसए महमूद मोहम्मद के साथ आए हाई लेवल उलेमाओं के डेलीगेशन में कहा कि ऐसी ताकतों के विरोध को किसी धर्म के खिलाफ टकराव के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवकों की ऊर्जा को सही दिशा देने की ज़रूरत है. धर्म का संकीर्ण प्रयोग नहीं होना चाहिए . उलेमा को टेक्नोलोजी का भी प्रयोग करना चाहिए प्रोपेगेंडा और नफरत से निपटने के लिए. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हेट स्पीच, पक्षपात, प्रोपेगेंडा, हिंसा और धर्म के दुरुपयोग का कोई स्थान नहीं.


सीरिया-अफगानिस्तान ने बनाया आतंकवाद का मंच


एनएसए ने आगे कहा कि सीरिया और अफगानिस्तान को आतंकवाद का मंच बना दिया गया है. हमारा लक्ष्य एशिया में सौहार्द्र और शांति है. उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया का रिश्ता सदियों पुराना है चोल वंश के समय भी भारत का इंडोनेशिया से व्यापारिक रिश्ता था. हमारा गहरा रिश्ता टूरिज़्म के कारण भी है - हर भारत से सैलानी बाली जाते हैं, वहां हिंदू मंदिर भी है. विश्व का पहला सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया है जबकि भारत तीसरा सबसे बड़ा मुस्लिम देश है. गुजरात और बंगाल के कई सूफ़ी इंडोनेशिया मूल से रहे हैं.


उन्होंने कहा कि सिविल सोसायटी से गहरे जुड़े होने के कारण उलेमा ये काम बेहतर कर सकते हैं. 1.7 बिलियन विश्व जनसंख्या हम दोनों हैं और इंडोनेशिया सद्भाव का उदाहरण है. इसके बाद इंडोनेशिया के एनएसए महमूद मोहम्मद ने कहा कि इंडोनेशिया सहिष्णुता और सहअस्तित्व में विश्वास रखता है. हम ये मानते हैं कि हमें एक दूसरे से सीखना चाहिए और एक दूसरे की बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाना चाहिए.


धर्म जोड़ने के लिए है दूर करने के लिए नहीं. धर्म वैश्विक समस्याओं के हल का पार्ट होना चाहिए.  महमूद  मोहम्मद ने आगे कहा कि इंडोनेशिया में 1000 स्थानीय भाषा है और 700 से ज़्यादा जनजातियाँ हैं. हमने सीखा है यूनिटी इन डाईवार्सिटी और डिसक्रिमिनेशन और असहिष्णुता को दूर करना है.


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