28 मार्च को रात दो बजे मौलाना साद से मिले थे एनएसए डोभाल, मरकज खाली करवाने के लिए राजी किया
सूत्रों के मुताबिक, निजामुद्दीन मरकज मामले को दिल्ली की क्राइम ब्रांच को भेजा जाएगा. इस मामले में जल्द गिरफ्तारी होगी. अरविंद केजरीवाल ने आज कहा था कि इस तरह से लोगों का जुटना गलत है.
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नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक एनएसए अजित डोभाल ने 28 तारीख की रात को निजामुद्दीन मरकज जाकर मौलाना साद से मुलाकात की और उन्हें बिल्डिंग खाली करने के लिए तैयार किया। जानकारी के मुताबिक अजित डोभाल रात दो बजे मौलाना साद से मिलने पहुंचे थे. मरकज खाली करवाने के बाद जिन जरूरी लोगों को क्वारंटीन करने के लिए भी मौलाना को एनएसए ने राजी किया.
36 घंटे में 2361 लोगों को निकाला गया- दिल्ली सरकार बता दें कि करीब 36 घंटे की कार्रवाई के बाद दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने पूरे मरजक को खाली करवाया. दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके बताया कि मरकज से कुल 2361 लोगों को निकाला गया. मनीष सिसोदिया ने लिखा, ''निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को ख़ाली करा लिया गया है. इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले. इसमें से 617 को hospitals में और बाक़ी को quarantine में भर्ती कराया गया है. क़रीब 36 घंटे के इस ऑपरेशन में मेडिकल स्टाफ़, प्रशासन, पुलिस, डीटीसी स्टाफ़ सबने मिलकर, अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. इन सबको दिल से सलाम.''
निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को ख़ाली करा लिया गया है. इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले. इसमें से 617 को hospitals में और बाक़ी को quarantine में भर्ती कराया गया है. 1/2
— Manish Sisodia (@msisodia) April 1, 2020
तब्लीगी जमात को लेकर गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया तब्लीगी जमात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय के फैसले के मुताबिक जो लोग पर्यटक वीजा पर मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं चाहे वह किसी भी रुप में है, उन्हें पर्यटक वीजा का उल्लंघन माना जाए. इसके साथ ही गृह मंत्रालय के फैसले के मुताबिक पर्यटक वीजा पर तब्लीगी गतिविधियों का संचालन करने की अनुमति नहीं है. इस जमात मे जो विदेशी हैं उनमें जो भी ठीक पाया जाता है उसे तत्काल पहली फ्लाइट से उसके देश वापस भेज दिया जाएगा.
गृह मंत्रालय के मुताबिक इस समय पूरे देश में लगभग 2000 विदेशी हैं, जो तबलीग से जुड़े हुए 70 देशों से आए हैं. इन लोगों ने मलेशिया के क्वालालंपुर में मार्च के पहले सप्ताह में एक बैठक में भाग लिया था. यहीं से इन्हें कोरोना वायरस से ग्रसित होने की संभावना है. यह सारे विदेशी नागरिक 2 से 6 महीने के पर्यटक वीजा पर हैं. इन विदेशी नागरिकों में से अधिकांश बांग्लादेश (493), इंडोनेशिया (472), मलेशिया (150) और थाईलैंड (142) के हैं. इस देश में रहने की उनकी अवधि छह महीने तक है.
क्या है पूरा मामला? दरअसल, रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. पूरा इलाका सील है. इसमें तब्लीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है. पुलिस वालों का कहना है कि वे लोगों की पहचान करके उन्हें अस्पताल में क्वॉरन्टीन के लिए भेज रहे हैं.
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