(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahabharata & Kautilyan Ways of War’ पुस्तक के विमोचन पर बोले अजीत डोभाल, राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का निर्माण एक प्रमुख कार्य
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा कि राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का निर्माण और उसे मजबूत करना एक प्रमुख कार्य है.
NSA Doval Launches GD Bakshi’s Book: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल शुक्रवार (18 अक्टूबर) को दिल्ली में 'Indian Strategic Culture: Mahabharata & Kautilyan Ways of War’' नाम की पुस्तक के विमोचन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने भारतीय इतिहास, युद्ध और सैन्य उद्देश्य से जुड़े कई मुद्दों पर बात की और कहा कि राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का निर्माण और उसे मजबूत करना एक प्रमुख कार्य है.
अजीत डोभाल ने कहा "हम युद्ध क्यों लड़ते हैं? क्या यह विरोधी के मानव संसाधनों को नष्ट करने के लिए किसी परोक्ष आनंद के लिए है? हमारे सैन्य उद्देश्य क्या हैं और हम उन्हें कैसे प्राप्त करते हैं?
सेना को हराने से टूट जाती है राष्ट्र की इच्छाशक्ति
डोभाल ने कहा कि हम राष्ट्र की इच्छाशक्ति को तोड़कर इसे प्राप्त करते हैं और उनकी सेना को हराने से राष्ट्र की इच्छाशक्ति टूट जाती है. जब आप उन्हें युद्ध के मैदान में हरा देते हैं, चाहे वह यूक्रेन हो, रूस हो या कोई और युद्ध तो राष्ट्र आपकी शर्तों पर आपके साथ शांति स्थापित करने के लिए तैयार हो जाता है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का निर्माण और उसे मजबूत करना एक प्रमुख कार्य है जिसे नजरअंदाज किया गया था, लगभग 100 साल पहले राष्ट्रीय इच्छाशक्ति का निर्माण करने के लिए स्वामी विवेकानंद आगे आए थे.
जीडी बख्शी की लिखे पुस्तक का हुआ विमोचन
बता दें कि एनएसए डोभाल शुक्रवार (18 अक्टूबर) को दिल्ली में जीडी बख्शी की पुस्तक ‘भारतीय सामरिक संस्कृति: महाभारत और कौटिल्य युद्ध के तरीके’ के लॉन्चिंग सेरेमनी पहुंचे थे. जहां उन्होंने किताब का विमोचन किया. बताया जा रहै है कि इस किताब में महाभारत और कौटिल्य के युद्ध के तरीकों को फोकस किया गया है.
कौन हैं जीडी बख्शी
जीडी बख्शी भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी हैं. वह अक्सर अलग-अलग टीवी चैनलों पर डिबेट्स में बतौर डिफेंस एक्सपर्ट अपना पक्ष रखते नजर आते हैं.उन्होंने जम्मू और कश्मीर राइफल्स में सेवा की. भारतीय सेना में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें कई पदकों से सम्मानित किया गया है. उन्होंने बोस या गांधी: भारत को आजादी किसने दिलाई?,रूस-यूक्रेन युद्ध: सीखे गए सबक जैसे कई किताबें लिखी हैं.
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