NSA Level Conclave: दिल्ली में शुरू हुई भारत-मध्य एशिया बैठक, NSA डोभाल ने आतंकवाद का उठाया मुद्दा
NSA Level Conclave: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस बैठक में अफगानिस्तान में उत्तपन होने वाले आतंकवाद के खतरे को लेकर चर्चा की.
NSA Level Conclave: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक (India-Central Asia Meeting) राजधानी दिल्ली में शुरू हुई है. इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने इस बैठक में सभी का स्वागत किया. इस सम्मेलन में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान समेत उज्बेकिस्तान के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए हैं.
एक दिन की इस बैठक को संबोधित करते हुए अजीत डोभाल ने कहा के अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र में आतंकी गुटों की मौजूदगी एक गंभीर चिंता का विषय है. उनको मिलने वाली आर्थिक रसद पूरे क्षेत्र के लिए हमारी फिक्र का विषय बना हुआ है. आतंक के खिलाफ कारगर कार्रवाई के लिए यह जरूरी है की उसकी आर्थिक रसद को प्रभावी तरीके से और प्राथमिकता के साथ बंद किया जाए.
आतंकवाद में शामिल किसी भी व्यक्ति या संगठन को... - अजीत डोभाल
अजीत डोभाल आगे बोले, हम सभी को इस बात का भी आग्रह करना चाहिए कि सभी यूएन सदस्य आतंकवाद विरोधी प्रावधानों और संधियों का सम्मान करें. साथ ही आतंकवाद में शामिल किसी भी व्यक्ति या संगठन को कोई सहायता ना दें. दरअसल, यहां उन्होंने नाम लिए बगैर पाकिस्तान पर निशाना साधा है.
अजीत डोभाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि सेंट्रल एशिया के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाना भारत की प्राथमिकता है. हालांकि यह जरूरी है कि इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को आगे बढ़ाते समय यह ध्यान रखा जाना जरूरी है कि वह पारदर्शी और भागीदारी बढ़ाने वाली हो. साथ ही उसमें सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का भी ध्यान रखा जाए. यहां इशारा चीन की बीआरआई परियोजना को लेकर है.
Countering terror financing should be priority: NSA Doval at key Central Asian security ministers' meeting
— ANI Digital (@ani_digital) December 6, 2022
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पिछले साल...
दरअसल, पिछले साल 2021 में भारत ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर एक क्षेत्रीय वार्ता की मेजबानी की थी. इसमें रूस से लेकर ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान समेत उज्बेकिस्तान के एनएसए शामिल हुए थे. हालांकि, ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है.
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