मुंबई यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की मांग, NSUI का VC को लेटर
Mumbai News: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री साल 2002 के गुजरात दंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित है. इसे लेकर देश में हंगामा जारी है.
Mumbai News: नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की ओर से मुंबई यूनिवर्सिटी के कलिना कैंपस में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा और गुजरात दंगों पर आधारित केंद्र सरकार से प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्युमेंट्री के स्क्रीनिंग की मांग की है. इसके साथ ही मांग को लेकर NSUI की तरफ से मुंबई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को पत्र भी लिखा गया है.
मुंबई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को लिखे गए पत्र में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक दिन के स्टूडेंट इंगेजमेंट प्रोग्राम (SEP) के आयोजन की बात कही गई है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि स्टूडेंट इंगेजमेंट प्रोग्राम को दो हिस्सों में बांटा जाए. जिसमें पहले हिस्से में "ADANI VS Hindenburg" रिपोर्ट पर चर्चा करने की बात कही गई है. वहीं दूसरे हिस्से में गुजरात दंगों पर आधारित केंद्र सरकार से प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग करने की मांग NSUI के तरफ से रखी गई है.इस पूरे मामले में यूनिवर्सिटी के तरफ से जवाब का इंतजार है. यूनिवर्सिटी को पत्र मंगलवार 7 फरवरी को लिखा गया है.
क्या है बीबीसी डॉक्यूमेंट्री ?
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री साल 2002 के गुजरात दंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित है. इसे लेकर देश में हंगामा जारी है. 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को प्रतिबंधित कर दिया था. सरकार के इस फैसले के कारण देश भर में विवाद बढ़ गया है. इसके साथ ही कई शिक्षण संस्थानों में छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने का प्रयास किया है. इसके अलावा यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
क्या है "ADANI VS Hindenburg" रिपोर्ट?
हिंडनबर्ग एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है. यह किसी कंपनी में हो रही वित्तीय गड़बड़ियों का पता लगाती है और फिर उस पर रिपोर्ट तैयार करती है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी को लेकर कई खुलासे किए हैं जैसे अडानी ग्रुप दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है, अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर काफी कर्ज है, कंपनियों के शेयर गैरजरूरी रूप से महंगे हैं वगैरह जिसकी वजह से अडानी ग्रुप उन पर कार्रवाई करना चाहता है.
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