नई दिल्ली: बिजली किल्लत के दिल्ली सरकार के आरोपों का एनटीपीसी ने जवाब दिया है. एनटीपीसी के मुताबिक, दिल्ली सरकार किल्लत की बात कर रही है लेकिन NTPC की क्षमता का 70 फीसदी ही बिजली दिल्ली की कंपनियां खरीद रही हैं. 30 फीसदी बिजली दिल्ली की कंपनियां ख़रीद ही नहीं रहीं. 


एनटीपीसी ने कहा कि दादरी प्लांट से जो बिजली का कोटा दिल्ली को मिला है नवंबर 2020 से उस कोटे की बिजली दिल्ली की कंपनियां नहीं खरीद रही हैं. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था कि NTPC जरूरत का सिर्फ 50 फीसदी बिजली ही सप्लाई कर रही है.


एनटीपीसी ने अपने बयान में क्या कहा है?
एनटीपीसी ने कहा, ''दिल्ली में बिजली की कोई किल्लत नहीं है. कंपनियां NTPC की क्षमता का सिर्फ 70% बिजली खरीद रही हैं. दादरी-I प्लांट से नवंबर 2020 से किसी कंपनी ने बिजली नहीं खरीदी. दादरी-I प्लांट से दिल्ली को 756 मेगावाट बिजली का कोटा है. 3.2 रु./यूनिट की सस्ती दर पर बिजली देने के बाद भी नहीं खरीद रहे.''



दिल्ली सरकार ने क्या आरोप लगाए थे?
दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि बिजली संयत्र कोयले के संकट के कारण बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. जैन ने कहा, ''दिल्ली पड़ोसी राज्यों में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली खरीदती है लेकिन ये राज्य कोयले के संकट के कारण बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं.''


बिजली मंत्री ने दावा, ''नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) को खरीद समझौते के तहत दिल्ली को 3,500 मेगावाट बिजली देनी है लेकिन केवल 1,750 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही, जो समझौते से आधी है.''



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