Nuclear Bomb: इन मुस्लिम देशों ने बढ़ाई भारत की टेंशन, सर पर मंडरा रहा परमाणु खतरा! जानिए क्यों बढ़ानी होगी एटम बमों की संख्या
Nuclear bomb in India: दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार माने जाने वाले परमाणु बमों को लेकर हर कोई चिंतित रहता है, लेकिन इन दिनों हर मुल्क परमाणु बमों का जखीरा बढ़ाने में लगे हुए हैं.
Nuclear Bomb In India: भारत, चीन और पाकिस्तान में परमाणु बम की संख्या लगातार बढ़ते दिखाई दे रही है. वैसे तो चीन के पास 500 परमाणु बम है, लेकिन अब वह उसकी संख्या बढ़ा के 1 हजार करने वाला है. वहीं भारत के पास 172 परमाणु बम है. पाकिस्तान की बात करें तो उसके पास कुल 170 एटम बम है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन आने वाले सालों में तेजी से एटम बम की संख्या बढ़ाता रहेगा.
यह तो रही परमाणु बमों की बात. यहां एक बात और बता दें कि चीन न केवल परमाणु बम बल्कि अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल भी तैयार कर रहा है, जो अमेरिका और भारत दोनों के लिए बड़ा खतरा है. भारत के पास वायु, जमीन और पानी से परमाणु हमला करने की ताकत है और अब भारत लॉन्ग डिस्टेंस तक हमला करने वाले हथियारों पर तेजी से काम करने में जुट गया है. विश्लेषकों का कहना है कि चीन ही नहीं बल्कि पश्चिम एशिया के कई मुस्लिम देशों की परमाणु चाल को देखते हुए भारत को भी न्यूक्लियर वारहेड की संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है. इसमें ईरान, सऊदी अरब जैसे भारत के दोस्त मुल्क शामिल हैं.
भारत के पास कितने एटम बम?
परमाणु और सैन्य मामलों के रणनीतिकार आदित्य रामनाथन ने कहा है कि हम नहीं जानते कि भारत का परमाणु बम का जखीरा असल में कितना है. ज्यादातर शोध तो यही कहते हैं कि भारत के पास 150 से लेकर 200 के बीच में एटम बम है. रामनाथन का कहना है कि यदि भारत के परमाणु वारहेड की संख्या में इजाफा होता है तो यह चीन एटम बम बनाने के सीधे जवाब के रूप में देखा जा सकता है. साल 2021 में यह बात सामने आई थी कि चीन देश के पश्चिमी इलाके में तीन विशाल साइलो बना रहा है. कहा जाता है कि यहां पर सैकड़ों की संख्या में महाद्वीपीय मिसाइल को आसानी से छुपाया जा सकता है.
मिसाइल डिफेंस सिस्टम का विकास कर रहा भारत
चीन पहले ही भारी मात्रा में सॉलिड फ्यूल से चलने वाली डीएफ-41 अंतर महाद्वीपीय मिसाइल को बन चुका है. यही नहीं चीन के पास डीएफ-27 हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल भी है. वहीं भारत की बात करें तो देश ने अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को समुद्र में भी बढ़ाया है. भारत में वह मिसाइल बनाई हैं जो सबमरीन से लांच की जा सकती है. इसके साथ ही भारत और तेजी से मिसाइल डिफेंस सिस्टम का विकास कर रहा है, लेकिन भारत की चिंता यह है कि चीन के परमाणु हमला करने के समय में अपनी परमाणु सेना को वह कैसे बचाएगा. भारत चीन के परमाणु बमों की संख्या की बराबरी नहीं करना चाहता है.
भारत की ये सबमरीन कर सकती है तगड़ा पलटवार
भारत इस समय ऐसी ताकत बनाने में जुटा हुआ है, जिससे हम चीन के खिलाफ एक प्रभावी पलटवार कर सकें. बता दें कि भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता बड़े हद तक अरिहंत परमाणु सबमरीन पर डिपेंडेंट है. चीन के द्वारा हमले किए जाने पर यह सबमरीन तगड़ा पलटवार कर सकती है. यही नहीं इसके अलावा भारत को हवा में कमान सिस्टम को भी तैयार करना होगा, जिससे दुश्मन के बड़े हमले के बाद भी परमाणु कमान और कंट्रोल सिस्टम आसानी से काम करता रहे. विशेषज्ञों का इस पर कहना है कि भारत को यह भी तय करना होगा कि चीन की मिसाइल डिफेंस सिस्टम को कैसे भेदा जा सके. यही कारण है कि भारत अग्नि 5 मिसाइल बना रहा है, जो एक साथ कई परमाणु बम को अपने साथ ले जा सकती है.
इन देशों से हो सकता है खतरा
विशेषज्ञों की माने तो भारत को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर भी कड़ी नजर रखनी होगी. यही नहीं आने वाले समय में पश्चिम एशिया के कुछ देश परमाणु बम हासिल करने की ओर बढ़ सकते हैं. भारत को इन पश्चिमी देशों से भी सतर्क रहने की जरूरत है. हम बात कर रहे हैं पश्चिमी देशों में तुर्की, सऊदी अरब और ईरान की. बता दें कि इन देशों के पास परमाणु बम तो है नहीं, लेकिन यह उन्हें बनाने का इरादा रखते हैं.
सऊदी अरब के किंग ने कहा है कि यदि ईरान परमाणु बम बनाता है तो वह भी बनाएंगे. वहीं तुर्की की बात करें तो वह पाकिस्तान का करीबी दोस्त है और पाकिस्तान को घातक हथियार भी उपलब्ध कराता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यहां खतरा साफ दिखाई दे रहा है और इसलिए भारत को भी धीरे-धीरे अपने परमाणु बमों की संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है. बता दें कि भारत परमाणु हमले के मामले में नो फर्स्ट यूज की नीति को अपनाता है. यानी की खुद से पहले परमाणु का इस्तेमाल न करना.
यह भी पढ़ें- हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी खुद पहुंचा पुलिस के पास, 1 लाख का इनामी देव प्रकाश मधुकर गिरफ्तार