श्रीहरिकोटा: भारत ने आज अपनी सबसे लंबी दूरी की मार करने वाली इंटरकोन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल, अग्नि-5 (फाइव) का सफल परीक्षण किया. ये परीक्षण ओडिसा के अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया. अग्नि-5 की रेंज पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा है और ये परमाणु हथियार को ले जाने में भी सक्षम है.


सूत्रों की मानें तो आज के इस टेस्ट से अग्नि-5 स्ट्रटेजिक फोर्स कमान (एसएफसी) के जंगी बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार है. अग्नि-5 आईसीबीएम का ये पांचवां परीक्षण था. सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल का सबसे पहला टेस्ट वर्ष 2012 में हुआ था.


आज के सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री निर्मला ने DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी. निर्मला सीतारमण के मुताबिक, आज सुबह नौ बजकर तरेप्पन मिनट (9.53) पर ये परीक्षण हुआ. रक्षा मंत्री के मुताबिक, पांच हजार किलोमीटर रेंज वाली मेड इन इंडिया मिसाइल को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से टेस्ट किया गया था. मेक इन इंडिया-डिफेंस के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई.


भारत पहले ही अग्नि-1,2,3 मिसाइल को ओपरेशनली तैनात कर चुका है. माना जाता है कि ये तीनों मिसाइल पाकिस्तान के तरफ से उठ रहे खतरों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं. जबकि अग्नि-5 को खासतौर से चीन की तरफ से मिल रही चुनौतियों के लिए तैयार किया गया है. अग्नि-5 की पहुंच चीन के हर इलाके तक है.


अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है और इसकी लंबाई करीब 17 मीटर है जबकि मोटाई करीब 2 मीटर है. ये करीब 1500 किलो के वॉर-हेड (बारूद) को ले जाने में सक्षम है.


सामरिक महत्व की अग्नि सीरिज की मिसाइलों की जिम्मेदारी एसएफसी कमान के पास होती है. परमाणु हथियारों और आईसीबीएम मिसाइलों की जिम्मेदारी इसी कमान के हाथों में होती है. ये कमान साल 2003 में बनाई गई थी जिसमें तीनों सेनाओं यानि थलसेना, वायुसेना ऐर नौसेना के अधिकारी होते हैं और ये सीधे पीएम के नेतृत्व में काम करती है.


अग्नि-5 जैसे ही भारत को जंगी बेड़े में शामिल हो जायेगी, भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जायेगा जिनके पास पांच हजार किलोमीटर रेंज की इंटरकोन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है. अभी इतनी लंबी दूरी की मिसाइल अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के पास हैं.