बालासोर: भारत ने शुक्रवार को ओडिशा तट पर स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का एक और रात्रि परीक्षण किया. सतह से सतह पर मार करनेवाली अत्याधुनिक मिसाइल को बालासोर के नजदीक चांदीपुर स्थित आईटीआर के लॉन्चिंग कॉम्पलेक्स-3 से रात लगभग साढ़े सात बजे दागा गया और परीक्षण सफल रहा.


डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि मिसाइल को एक मोबाइल लॉंचर से दागा गया जो 350 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर रडारों, इलेक्ट्रो-ऑप्टीकल ट्रैकिंग प्रणाली और टेलीमेट्री स्टेशनों से नजर रखी गई. बंगाल की खाड़ी में प्रभाव बिन्दु के नजदीक स्थित एक पोत पर तैनात टीमों ने मिसाइल द्वारा लक्ष्य को नष्ट किए जाने के दृश्य पर नजर रखी.


इस परीक्षण के लिए उत्पादन भंडार से मिसाइल को औचक ढंग से चुना गया और समूची प्रक्षेपण गतिविधि को सेना की रणनीतिक बल कमान ने अंजाम दिया. प्रशिक्षण अभ्यास के तहत इसपर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने नजर रखी.


एक महीने में पृथ्वी-2 मिसाइल का दूसरा रात्रि परीक्षण
पृथ्वी मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम तक आयुध ले जा सकती है और यह दो इंजनों से परिचालित होती है. एक महीने से भी कम समय में पृथ्वी-2 मिसाइल का यह दूसरा सफल रात्रि परीक्षण है. इससे पहले चांदीपुर स्थित आईटीआर से ही ‘पृथ्वी-2’ का पिछला परीक्षण 23 सितंबर को सूर्यास्त के बाद किया गया था.
इस मिसाइल को 2003 में सेना के अस्त्र भंडार में पहले ही शामिल किया जा चुका है.


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