Nuh Violence: हरियाणा के नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की यात्रा को रोकने की कोशिश करने पर भड़की हिंसा और बवाल के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है. सोमवार (31 जुलाई) को वीएचपी की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली गई जिस पर पथराव के बाद दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई. घटना में कई लोगों की मौत हो चुकी है और भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया.


नूंह हिंसा की आग अब सोहना के बाद गुरुग्राम तक पहुंच चुकी है. गुरुग्राम में भीड़ ने इमाम की हत्या कर दी. जिसके बाद 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें दो होमगार्ड भी शामिल हैं. नूंह हिंसा की शुरूआत अरावली की पहाड़ियों में बने पुराने शिव मंदिर की चौखट से हुई.


इसी मंदिर से वीएचपी की शोभायात्रा की शुरूआत हुई और ढाई से तीन हजार की तादात में श्रद्धालु मौजूद थे. ये यात्रा इस मंदिर से करीब 45 किलोमीटर दूर नूह होते हुए एक गांव में जानी थी लेकिन जैसे ही शिव मंदिर से शोभायात्रा तकरीबन एक से डेढ़ किलोमीटर आगे बढ़ी तभी हिंसा शुरू हो गई.


दो समुदाय के लोग आमने-सामने


एक तरफ से शोभायात्रा आगे बढ़ रही थी तो दूसरी तरफ से अन्य समुदाय के लोग सामने से आ गए और पथराव शुरू हो गया. इस दौरान गाड़ियों में पथवार और आगजनी का सिलसिला शुरू हो गया. हिंसा से बचने के लिए कई लोग वापस शिव मंदिर की तरफ भागे और गेट के भीतर घुस गए. कई लोगों की जान भी चली गई जिसमें दो होमगार्ड भी शामिल हैं.



घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है, कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट को भी बंद कर रखा है. सुरक्षा के लिहाज से स्कूलों की भी छुट्टी कर रखी है और कई परीक्षाओं को रद्द भी कर दिया गया है. स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिंसा की जगह पर सड़कें सुर्ख काली हुई पड़ी हैं क्योंकि कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था.


क्यों भड़की हिंसा?


इस हिंसा के पीछे बताया जाता है कि शोभायात्रा में मोनू मनेसर के शामिल होने की खबर सोशल मीडिया के माध्यम से फैला दी गई. मोनू मनेसर वही शख्स है जिस पर कुछ महीने पहले राजस्थान में गोरक्षा के नाम पर दो लोगों को हत्या का आरोप है. ऐसे में दूसरे समुदाय के लोगों ने इस यात्रा को रोकने की कोशिश की और पथराव कर दिया.


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