Nuh Clash Witness: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई की शाम को भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आंखों देखी पुलिसकर्मी पंकज कुमार ने एफआईआर में बताई है. किस तरह 600 से 700 लोगों की भीड़ फायरिंग और पथराव करते हुए पुलिस की तरफ आगे बढ़ी, समझाने के बावजूद लोग रुके नहीं और इस पत्थरबाजी में कैसे पुलिसकर्मी घायल हो गए, घटना से जुड़ी ये सारी डिटेल पंकज कुमार ने एफआईआर में दर्ज कराई है.


पंकज कुमार गुरुग्राम में थाना सेक्टर-39 के प्रभारी हैं, जो फिलहाल नूंह में तैनात हैं. उन्होंने एफआईआर में बताया कि अधिकारियों के आदेश पर वह नूंह में कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए आए थे और उनकी ड्यूटी अडवर चौक पर लगाई गई. जिस वक्त यह घटना हुई, वह अपने साथी अनिल कुमार के साथ ड्यूटी पर थे. एफआईआर के मुताबिक, अनिल कुमार गुरुग्राम में थाना सेक्टर 40  के प्रभारी हैं.


पुलिस ने की थी भीड़ को रोकने की कोशिश
पंकज कुमार ने आगे बताया कि 600-700 लोगों की भीड़ पुलिस पर पथराव करते हुए आगे बढ़ने लगी और अवैध हथियारों से फायरिंग भी शुरू कर दी. एफआईआर में कहा गया कि भीड़ कुछ नारे भी लगा रही थी. लगातार हो रहे पथराव और फायरिंग को रोकने के लिए पुलिस ने माइक पर भीड़ को समझाया और शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे लोग रुके नहीं.


FIR में हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
एफआईआर के मुताबिक, भीड़ की ओर से की जा रही फायरिंग में एक गोली उनके साथी अनिल कुमार के पेट में जा घुसी. हिंसा में पंकज के साथ तैनात एएसआई जगबीर भी घायल हो गए. पंकज कुमार का कहना है कि उन्होंने अपनी पिस्टल से हवा में फायरिंग करके भीड़ को काबू करने की कोशिश की लेकिन पुलिस बल को जान से मारने की नीयत से भीड़ ने एक सोची समझी साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया. उनका कहना है कि पत्थरबाजी और फायरिंग में शामिल लोगों को वह पहचान सकते हैं. पंकज कुमार ने एफआईआर में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.


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