Nuh Violence: मस्जिद से बाहर देखा लाठी और हथियार लेकर आ रही थी भीड़... इमाम ने बताया कैसे सिखों ने बचाई जान
Sohna Violence: नूह में हुई हिंसा के बाद गुरुग्राम के सोहना में स्थित इस शाही मस्जिद पर भी हमला करके भीड़ ने तोड़-फोड़ की. पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
Nuh Violence: नूह में हुई हिंसा के एक दिन बाद गुरुग्राम और हरियाणा के बाकी जिलों में भी हिंसा फैल गई. इस दौरान उपद्रवियों की भीड़ का शिकार गुरुग्राम के सोहना में बनी एक मस्जिद भी बनी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 70-100 लोगों की भीड़ ने वहां पर जमकर तोड़-फोड़ की.
इस दौरान मस्जिद के अंदर बने मदरसे में पढ़ाई कर रहे 10-12 बच्चों और इमाम के परिवार वालों के जीवन पर संकट बन आया था. इस दौरान इनके पडोस में रहने वाली स्थानीय और सिख समुदाय के लोग आगे आए और इनकी जान-माल की रक्षा की. मस्जिद के इमाम के मुताबिक हिंसा शुरू होते ही सिख समुदाय के लोगों ने आगे बढ़कर मस्जिद में फंसे इन लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया.
किस मस्जिद में हुआ था हमला?
गुरुग्राम में शाही मस्जिद के नाम से जानी जाने वाली इस मस्जिद में कुछ परिवारों के लिए कमरे और बच्चों के लिए कक्षाएं बनाईं गईं थी. मंगलवार (1 अगस्त) को भीड़ ने कथित तौर पर इस मस्जिद पर हमला कर दिया. पुलिस ने कहा कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
मस्जिद में अपने चार भाइयों के साथ रहने वाले इमाम कलीम ने बताया कि यहां पर हम कुल 30 लोग रहते थे. उन्होंने कहा, हम सब डरे हुए थे लेकिन चूंकि पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में फ्लैग मार्च किया था लिहाजा हम किसी भी खतरे को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे. लेकिन दोपहर को सवा दो बजे जब हमने फायरिंग की आवाज सुनी तो हम बाहर निकल आए. उन्होंने कहा, हमने वहां देखा कि एक भीड़ हमारी तरफ लाठी, डंडों और खतरनाक हथियारों के साथ दौड़ती चली आ रही है.
भीड़ ने मस्जिद घेरी तो स्थानीय लोगों ने बचाया
इमाम कलीम आगे बताते हैं कि इतनी ज्यादा भीड़ को अपनी तरफ आता देखकर हम डर गये और अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ छिप कर बैठ गए. उन्होंने कहा हमें लग रहा था आज हम मारे जाएंगे क्योंकि जिस कमरे में हम छिपे बैठे थे वह उसके नजदीक पहुंच ही चुके थे लेकिन हमारे पडोस में रहने वाले स्थानीय लोग समय पर पहुंच गए और हम लोगों को वहां से निकाल लिया.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, स्थानीय लोगों ने इस भीड़ को रोक दिया और महिलाओं बच्चों को भी रेस्क्यू कर लिया. इसके साथ ही पुलिस भी 10 मिनट के अंदर ही मौका-ए-वारदात पर पहुंच गई.
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