Nuh Violence: 'हरियाणा में कोई सरकार नहीं', नूंह हिंसा पर बोले जमात-ए-इस्लामी हिंद के सचिव, कहा- हालात बेहतर करना है तो...
Nuh Communal Clash: एक दिन पहले शुक्रवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था और लोगों से मुलाकात की थी.
Haryana Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने वहां की राज्य सरकार को निशाने पर लिया है. जमात-ए-इस्लामी के राष्ट्रीय सचिव शफीक मदनी ने कहा, ऐसा लगता है जैसे हरियाणा में सरकार ही नहीं है. उन्होंने हिंसा के लिए नाकामी का ठीकरा प्रशासन के सिर फोड़ा.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नूंह हिंसा पर मदनी ने कहा, जिस तरह से जल अभिषेक के नाम पर जुलूस निकाला गया, उसके लिए इस बार बहुत पहले से तैयारी की गई. जो वीडियोज सामने आईं हैं, उससे लगता है कि बहुत गड़बड़ हुई है. इस हिंसा की तैयारी पहले से की गई थी. प्रशासन को जो करना चाहिए था, उसने वह नहीं किया. वहां सांप्रदायिक हिंसा हुई, दो होमगार्ड मारे गए.
बताया हालात ठीक करने का उपाय
खुफिया नाकामी बताते हुए उन्होंने कहा, प्लानिंग के साथ हालात बिगाड़े गए और आस-पास भी ऐसा किया गया. ये सरकार के लिए शर्म की बात है. शफीक मदनी ने कहा, हमने वहां का दौरा किया. बहुत सारे लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं.
मदनी ने कहा, सरकार को भी अपने रवैये को बेहतर बनाना होगा और मीडिया को भी, ताकि मुल्क में हालात को बेहतर बनाया जा सके. साथ ही आरोप लगाया कि जो लोग सत्ता में हैं, अमन बनाए रखने में उनकी दिलचस्पी नहीं है.
ट्रेन में गोलीकांड की न्यायिक जांच की मांग
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस के अंदर गोलीकांड की न्यायिक जांच की मांग की. आरपीएफ जवान ने चलती ट्रेन में अपने एक सीनियर और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तीनों यात्री मुस्लिम थे. बाद में जवान को गिरफ्तार कर लिया गया था.
मदनी ने कहा, ट्रेन में हुई घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. दोषियों को सजा होनी चाहिए. पकड़े गए आरोपी जवान को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताने को लेकर भी जांच की मांग की गई. इसके साथ ही मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की मांग भी की गई.
ज्ञानवापी पर सर्वे का विरोध
ज्ञानवापी पर हो रहे सर्वे पर मदनी ने कहा, ज्ञानवापी पर ये समझना है कि रिकॉर्ड पर लोग बता रहे हैं कि वहां इबादत हो रही है, लेकिन सबके लिए यह बेहतर है जो 'प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट' है, उसका पालन करना चाहिए. जिस दिशा में ये जा रहा है, वो ठीक नहीं है.
उन्होंने सवाल किया कि सर्वे क्यों कराया जा रहा है? जब आप कानून के मुताबिक स्टेटस चेंज नहीं कर सकते तो आप समाज को गलत रुख की तरफ ले जा रहे हैं. यह बहस छेड़ने वाली बात है.
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