Nuh Violence: 'जब कार पर हो रही थी पत्थरबाजी-फायरिंग तो जज और 3 साल की बेटी की ऐसे बची जान', चश्मदीद बोला- डरावना था नूंह हिंसा का मंजर
Haryana Nuh Clash: चश्मदीद ने बताया कि जब नूंह जिला कोर्ट की एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अंजली जैन, उनकी तीन साल की बेटी और गनमैन दवा लेकर लौट रहे थे तो भीड़ ने कार पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
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Nuh Clash: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई की शाम को भड़की सांप्रदायिक हिंसा से बचने के लिए एक सिविल जज और उनकी बेटी को वर्कशॉप में छिपना पड़ा. हिंसा को लेकर दर्ज 41 एफआईआईर में से एक में इसका जिक्र है. उस वक्त का मंजर कितना डरावना होगा, इसका अंदाजा इस एफआईआर से ही लगाया जा सकता है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अगस्त को टेकचंद ने एफआईआर दर्ज की और बताया कि जब नूंह जिला कोर्ट की एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अंजली जैन, उनकी तीन साल की बेटी और गनमैन नालहर के एसएचकेएम मेडिकल कॉलेज से दवा लेकर लौट रहे थे, तभी सौ-डेढ़ सौ लोगों की भीड़ ने उनकी कार पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
पत्थरबाजी और फायरिंग में टूट गया गाड़ी का शीशा
एफआईआर में बताया गया कि जब पुराने बस अड्डे के पास लोगों का एक समूह उनकी गाड़ी पर हमला कर रहा था , तब चार लोगों ने उनको बचाने के लिए वर्कशॉप में छिपा लिया. पत्थरबाजी और आगजनी में गाड़ी का शीशा टूट गया और भीड़ ने फायरिंग भी शुरू कर दी.
जलाकर खाक कर दी थी कार
एफआईआर में दर्ज बयान में कहा गया, 'हम फॉक्सवैगन पोलो से जा रहे थे, जो एसीजेएम अंजली जैन के नाम पर है. दोपहर के 2 बजे थे और हम नालहार में एसकेएचएम मेडिकल कॉलेज से दवा लेकर लौट रहे थे. जैसे ही हम बंधन बैंक पहुंचे तो दिल्ली-अलवर रोड पर पुराने बस अड्डे के पास जमा 100-150 लोगों की भीड़ ने हमारी गाड़ी पर पत्थर फेंकना और आगजनी शुरू कर दी. इस सबके बीच गाड़ी का शीशा टूट गया और फारयिंग शुरू हो गई. ऐसे में एक वर्कशॉप में छिपकर हमने अपनी जान बचाई. इसके बाद कुछ वकीलों ने हमें बचाया और जब हम अगले दिन घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि पूरी कार जली हुई थी.'
दंगा करने और हत्या करने की कोशिश के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आर्म्स एक्ट के सेक्शन 25 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है.
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