Big Bird Day: दिल्ली-NCR में पक्षी की प्रजातियों की तादाद बढ़ी, एक्सपर्ट ने जताई खुशी
दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में वैज्ञानिकों की टीम ने पक्षी गिनती का काम किया है. सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि कई जगहों के जैव विविधता पार्क में संख्या बढ़ी है. पक्षी गिनती का काम करने के लिए छोटी जैसी जगहों का भी चयन किया गया.
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नई दिल्ली: पिछले साल के मुकाबले राजधानी के ज्यादातर जैव विविधता पार्कों में पक्षी की प्रजातियों की संख्या बढ़ी है. बिग बर्ड डे के मौके पर किया जानेवाला सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना जैव विविधता पार्क में पक्षी की गिनती 2020 में 83 से बढ़कर इस साल 101 पहुंच गई है, जबकि ये संख्या कालिंदी पार्क में दोगुनी हो गई.
दिल्ली-NCR के पार्कों में पक्षियों की संख्या बढ़ने का दावा
2020 के मुकाबले तुगलकाबाद जैव विविधता पार्क में पक्षी की संख्या में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि अरावली के जैव विविधता पार्क में पिछले साल के मुकाबले प्रजातियों की संख्या 54 से घटकर इस साल 46 दर्ज किया गया. पक्षी गिनती का काम दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में 150 से ज्यादा वैज्ञानिकों की टीम ने किया.
प्रमुख स्थानों के अलावा, कुछ ग्रुप ने छोटी जगहों जैसे हुमायूं का किला और लोधी गार्डन में पक्षी गिनती को अंजाम दिया. कार्यक्रम के आयोजक निखिल देवासर कहते हैं, "सात जैव विविधता पार्कों में दो घंटों के लिए पक्षी को गिनने का काम हुआ, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में अन्य स्थानों पर दो से सात घंटे की अवधि अलग रही."
150 से अधिक वैज्ञानिकों ने किया पक्षी गिनती का काम
उन्होंने जानकारी दी, "कोरोना वायरस महामारी के कारण हमने सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के लिए छोटे ग्रुप का गठन किया. उन्होंने कहा कि धुंध नहीं होने और आसमान साफ रहने से बहुत सारी पक्षियों की प्रजातियों को दर्ज करना संभव हो सका. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सोहैल मदान बताते हैं, "हमने असोला में पक्षी की 51 प्रजातियों को गिना, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा आंकड़ा था."
यमुना जैव विविधता पार्क में अन्य पार्कों से समन्य बनानेवाले प्रभारी वैज्ञानिक फैय्याज खुदसर कहते हैं, "यमुना और कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क नदी की बाढ़ में हैं और उनकी पहचान प्रवासी पक्षियों के लिए कार्य संबंधी आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र के तौर पर होती है. सर्दी के दौरान करीब प्रवासी पक्षियों की 30 प्रजातियां यूरोप, साइबेरिया, दक्षिण अफ्रीका, मध्य एशिया और चीन से यमुना पार्क में आती हैं."
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