नई दिल्ली: कोरोना वायरस का कहर एकतरफ जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस के मामले भी लोगों को परेशानी में डाल रहे हैं. देश में पिछले कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के मरीजों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
एम्स दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग प्रमुख प्रोफेसर एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हमने तीन अंकों का आंकड़ा पार कर लिया है. हमने एम्स ट्रॉमा सेंटर और एम्स झज्जर में अलग से म्यूकर वार्ड बनाए हैं. हमें रोजाना ब्लैक फंगस के 20 से अधिक मामले मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण ब्लैक फंगस के होने का संदेह बहुत अधिक होता है. यदि मधुमेह रोगियों को कोविड होता है, तो चीनी को सख्ती से नियंत्रित किया जाना चाहिए और स्टेरॉयड का तर्कसंगत उपयोग होना चाहिए.
राजस्थान में महामारी घोषित
वहीं ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी कोरोना वायरस से ठीक हुए मधुमेह के रोगियों में अधिक हो रही है. इस बीमारी में पीड़ित की आंखों की रोशनी जाने के साथ ही जबड़े तक को निकालने की नौबत आ रही है.
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