नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच मोदी सरकार के लिए इनकम टैक्स विभाग से बुरी खबर आई है. मोदी सरकार दावा करती रही है कि नोटबंदी के बाद ई-टैक्स का दायरा बढ़ा है, लेकिन ताजा आंकड़ों में देश में ई-इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद एक फीसदी कम हो गई है. टैक्स फाइलिंग के हालिया इतिहास में वित्त वर्ष 2019 में आयकर ई-फाइलिंग 6.6 लाख से अधिक घट गई है.


आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर डाले गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में आयकर ई-फाइलिंग 6.68 करोड़ है, जो पिछले वित्त वर्ष में 6.74 करोड़ थी. वित्त वर्ष 2016-17 में ई-फाइलर 5.28 करोड़ थे.


कोटक इकोनॉमिक रिसर्च की 30 अप्रैल की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "हम वित्त वर्ष 2019 में आयकर ई-फाइलिंग में गिरावट से हैरान हैं." उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2019 में टैक्स फाइलिंग में आश्चर्यजनक रूप से गिरावट आई है. यह आश्चर्य की बात है कि पोस्ट डिमनेटाइजेशन से यह उम्मीद की गई थी कि कर आधार में वृद्धि जारी रहेगी."


विश्लेषकों का कहना है कि इनकम टैक्स रिटर्न को लेकर आए आंकड़े आश्चर्यजनक हैं, क्योंकि पोस्ट डिमोनेटाइजेशन से इनके बढ़ने की उम्मीद थी.


हालांकि, वेबसाइट का कहना है कि रजिस्टर्ड इनकम फाइल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. 15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31 मार्च 2019 तक 8.45 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरे हैं.


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