Nupur Sharma Comment: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले में बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर से जुड़े देशभर में दर्ज 10 एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर कर दिए हैं. अब सभी मामलों की जांच दिल्ली पुलिस करेगी. कोर्ट ने साफ किया है कि भविष्य में इस मामले में दर्ज होने वाले सभी एफआईआर भी दिल्ली ट्रांसफर होंगे. जस्टिस सूर्यकांत और जमशेद पारडीवाला की बेंच ने कहा है कि नूपुर चाहे तो एफआईआर रद्द करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है. उनकी गिरफ्तारी पर रोक भी जारी रहेगी.


कार्ट ने नूपुर पर सख्त टिप्पणी की थी
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी तरफ से सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की Intelligence Fusion and Strategic Operations (IFSO) एक विशेषज्ञ यूनिट है. अच्छा हो कि वह सभी FIR की जांच करे. अगर ज़रूरी लगे तो दूसरे राज्यों की पुलिस से भी सहायता ले. 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका ठुकरा दी थी. जस्टिस सूर्यकांत और पारडीवाला की बेंच ने कहा था कि नूपुर देश भर में दर्ज एफआईआर में जमानत के लिए अलग-अलग शहरों की कोर्ट में आवेदन दे. अगर उन्हें एफआईआर रद्द करवानी हों, तो उस राज्य के हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करे. जजों ने मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि देशभर में जितनी भी हिंसा भरी घटनाएं हो रही हैं, उन सबकी वजह नूपुर शर्मा का 26 मई को दिया गया बयान है.


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नूपुर की जान को गंभीर खतरा
19 जुलाई को एक बार फिर मामला इन्हीं 2 जजों की बेंच के सामने आया. तब नूपुर के लिए पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने यह जानकारी कोर्ट के सामने रखी कि नूपुर की जान को गंभीर खतरा है. सुप्रीम कोर्ट की पिछली सुनवाई के बाद से उसे और भी अधिक धमकियां मिल रही हैं. अजमेर शरीफ दरगाह के एक खादिम का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें नूपुर का गला काटने की बात कही जा रही है. ऐसी बातें और कई लोग कर रहे हैं. ऐसे में उसे हर राज्य की पुलिस और वहां की अदालत के सामने पेश होने के लिए मजबूर करना खतरे को और बढ़ाने वाली बात होगी.


कोर्ट ने इन राज्यों को नोटिस जारी किया
जजों ने नूपुर पर खतरे की बात को स्वीकार करते हुए 8 राज्यों में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. सभी FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग पर कोर्ट ने तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली को नोटिस जारी किया था. आज पश्चिम बंगाल सरकार के लिए पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने नूपुर की मांग का जोरदार विरोध किया. उन्होंने कहा कि पहली एफआईआर जिसमें नूपुर को आरोपी बनाया गया था, वह मुंबई में दर्ज हुई थी. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट चाहे तो मुंबई में सभी मामलों को ट्रांसफर कर दे. मेनका ने यह भी कहा कि अगर दिल्ली सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर किए जाते हैं, तो भी जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस को न दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से एसआईटी का गठन कर दे.


केस दिल्ली ट्रांसफर करने की वजह 'जान को खतरा'
जजों ने मेनका गुरुस्वामी की मांग नामंजूर करते हुए कहा कि मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की सबसे बड़ी वजह नूपुर शर्मा की जान को खतरा है. कोर्ट ने हाल ही में धार्मिक भावनाएं भड़काने से जुड़े मामलों में वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर को दी गई राहत का हवाला दिया. उस मामले में जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर किए गए थे. जजों ने यही राहत नूपुर को भी दे दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर किए जा रहे हैं, ऐसे में अगर नूपुर उन्हें रद्द करवाना चाहे तो उसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है. कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर पहले लगाई रोक को जारी रखने का आदेश देते हुए मामले का निपटारा कर दिया.


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